Meerut Nagar Nigam Ward No.49: मेरठ पुर्वा महावीर के पार्षद काशिम, हमने तो सर्वसमाज कल्याण के सिद्धांत पर राजनीति की हैं जो राजनीति का मूलमंत्र माना जाता है

Meerut Nagar Nigam Ward No.49 Parshad: करोड़ो रुपये के काम कराएं हैं जिनमें पूर्वा महावीर,कोटला,पत्ता मोहल्ला,कम्बोह गेट आदि के काम शामिल हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update:2022-12-05 20:43 IST

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Meerut Nagar Nigam Ward No.49 Parshad: मेरठ नगर निगम वार्ड-49(पुर्वा महावीर) के पार्षद काशिम पिछले चुनाव में बीएसपी के टिकट पर पहली बार 21.88 मत हासिल कर पार्षद बने । 58 वर्षीय Newstrack से काशिम बातचीत में कहते हैं,अपने क्षेत्र का विकास कराने में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी। करोड़ो रुपये के काम कराएं हैं जिनमें पूर्वा महावीर,कोटला,पत्ता मोहल्ला,कम्बोह गेट आदि के काम शामिल हैं। पुर्वा महावीर का तो हमने पूरा काम करा दिया। यहां सड़कों,गलियों में इंटरलाकिंग,नाली,खंडंजो का काम कराया।

कोई ऐसा काम भी है जिसको आप कराना तो चाहते थे। लेकिन,करा नहीं सके। इस सवाल के जवाब में काशिम कहते हैं,"कराना तो बहुत कुछ चाहते थे। जनता की मांगे भी बहुत कुछ थी। लेकिन बजट का अभाव रहा। फिर भी एक काम था जो हम कराना चाहते थे। लेकिन अपने काफी प्रयासों के बाद भी नहीं करा सके। जैसा कि क्षेत्र में एक नाला टैंपो स्टैड से पत्थरवालों तक निकलता है। इस नाले को छोटा करा कर सड़क चार फीट की जगह आठ फीट कराना चाहता था। मैने प्रयास भी बहुत किया। लेकिन नहीं करा सका।" फिर भी हमने क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ किया। कुछ काम इसलिए भी कम हुए क्योंकि ढाई साल कोरोना के कारण कुछ काम नहीं हो सके। हमें अपने पांच साल के कार्यकाल पर इसलिए भी फख्र रहेगा। क्योंकि हमने किसी भी तरह की कोई बेइमानी नहीं की। अपना काम पूरी तरह मेहनत और ईमानदारी के साथ किया। हमारा दुश्मन भी हमारे ऊपर उंगली नहीं उठा सकता है।

आपको नगर निगम अफसरों का सहयोग मिला या नहीं? इस सवाल के जवाब में काशिम कहते हैं,"नगर निगम अफसर भी जहां तक सहयोग कर पा रहे हैं कर ही रहे हैं।" आपके क्षेत्र में पानी और सीवेज व्यवस्था की स्थिति क्या है ? इस सवाल पर काशिम कहते हैं,"पीने की पानी की कोई दिक्कत नहीं है। सीवर हमारे क्षेत्र में नहीं है।" आपका भविष्य का क्या प्लान है, क्या फिर से चुनाव लड़ेंगे। इस सवाल पर पर गंभीर होकर काशिम कहते हैं," अब कोई इरादा नहीं है चुनाव लड़ने का।" ऐसा क्यों? इस पर काशिम कहते हैं,"बस मन नहीं है अब लड़ने का।" फिर तनिक रुक कर काशिम कहते हैं- जरुरी नहीं कि समाज की सेवा पार्षद अथवा कोई पद लेकर की जाए। अगर मन में सेवाभाव है तो इंसान बिना किसी पद के बिना भी सेवा कर सकता है। फिर हमने तो सर्वसमाज कल्याण के सिद्धांत पर राजनीति की हैं जो राजनीति का मूलमंत्र माना जाता है।

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