Meerut News: वन्य जीवों की तस्करी के मामले में तीन तस्कर गिरफ्तार
Meerut News: डीएफओ मेरठ राजेश कुमार ने बताया कि आज सुबह लगभग 11 बजे प्राप्त सूचना के आधार पर वन विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम करनावल में करनावल-नारंगपुर मार्ग पर ईंट के भट्टे के पास छापेमारी की गयी।
Meerut News: जनपद में वन्य जीवों की तस्करी के मामले में पुलिस ने तीन लोंगो को गिरफ्तार किया है। मौके से दो बिज्जू एंव एक सियार मृत अवस्था में तथा एक खरगोश घायल अवस्था में बरामद हुआ है। डीएफओ मेरठ राजेश कुमार ने बताया कि आज सुबह लगभग 11 बजे प्राप्त सूचना के आधार पर वन विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम करनावल में करनावल-नारंगपुर मार्ग पर ईंट के भट्टे के पास छापेमारी की गयी। छापेमारी के दौरान शेर सिहं पुत्र चांद एवं भूरे पुत्र शेरसिहं निवासी कैराना थाना व तहसील कैराना जिला शामली के ईट भट्टे के परिसर में निर्मित आवास पर तलाशी लिये जाने पर इनके पास से दो बिज्जू एंव एक सियार मृत अवस्था में मिले तथा एक खरगोश, जो कि घायल अवस्था में था, बरामद किया गया ।
आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
डीएफओ के अनुसार उक्त अभियुक्तों को हिरासत में लेते हुए थाना सरूरपुर के सुपुर्द कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथासंशोधित) की धारा 2, 9, 39, 50 व 51 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है। सूत्रों के अनुसार वन विभाग को वन्य जीवों की तस्कारी की जानकारी विद्युत विभाग के लाइनमैन ने दी। लाइनमैन घटनास्थल पर सुबह तार जोड़ने पहुंचा था। उसने वहां वन्य जीवों को देखा तो इसकी शिकायत वन विभाग और इलाके की पुलिस को दी। सूत्रों के अनुसार, कई पशुओं के पैर काटे हुए मिले और कुछ के पैर बांधकर उन्हें प्लास्टिक बैग में रखा गया था।
कोलकाता से बड़े पैमाने पर लाए जाते है पक्षी
बता दें कि मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वन्यजीवों तस्करों के हौसले बुलंद हैं। मेरठ में वन्य जीव तस्करी की सबसे बड़ी मंडी उभरकर सामने आया है। खासकर पूरे विश्व में दुर्लभ कॉमन पाम, गंगा डॉलफिन, सिवेट कैट, मोर के बच्चे, कोयल, मैना, समुद्री कछुआ जैसे वन्य जीवों की तस्करी होती है। कोलकाता से बड़े पैमाने पर रोज बड़ी संख्या में पक्षी मेरठ लाए जाते हैं। यहीं से उन्हें ट्रेन और ट्रकों से मुंबई या चेन्नई भेजा जाता है।
सांसद मेनका गांधी ने भी केंद्रीय वन्य जीव संरक्षण क्राइम ब्रांच टीम को मेरठ के बारे में जानकारी दी थी। मेरठ में करीब 900 लोग इस कारोबार से जुड़े हैं। इंटरनेट से यह लोग संबंधित वन्य जीव का चित्र दिखाकर आर्डर लेते हैं। बैंक खाते में पैसा जमा होने के बाद सात से दस दिन में माल की डिलीवरी हो जाती है। रोज 300-400 वन्य जीवों की तस्करी कर करोड़ों का कारोबार होता है।