Meerut News: सपा और रालोद के रिश्तों में फिर बढ़ी दूरियां! जानिए 2024 के लिए कैसे बन रहे सियासी समीकरण
Meerut News: कर्नाटक में कांग्रेस को मिली बंपर जीत ने बेशक कांग्रेस के हौंसले बुलन्द हैं। लेकिन,उत्तर प्रदेश में इसके कारण सपा और रालोद के रिश्तों के बीच एक बार फिर खटास आने लगी है।
Meerut News: कर्नाटक में कांग्रेस को मिली बंपर जीत ने बेशक कांग्रेस के हौंसले बुलन्द हैं। लेकिन,उत्तर प्रदेश में इसके कारण सपा और रालोद के रिश्तों के बीच एक बार फिर खटास आने लगी है। सूत्रों की मानें तो जयंत चौधरी 2024 चुनाव से पहले अपने सियासी साझीदार अखिलेश यादव को जोर का झटका धीरे से देने की तैयारी में हैं।
सपा को कांग्रेस के साथ गठबंधन में लाने के प्रयास
रालोद के महासचिव त्रिलोक त्यागी के हालिया एक बयान के बाद तो खटास और बढ़ती दिख रही है। अपने बयान में रालोद के महासचिव त्रिलोक त्यागी साफ शब्दों में कहा कि 2024 में रालोद और कांग्रेस के बीच गठबंधन जारी रहेगा। हालांकि, उन्होंने यह बात राजस्थान को लेकर कही थी जहां पर रालोद और कांग्रेस के बीच में पहले ही सियासी साझेदारी जारी है। लेकिन,साथ ही रालोद के महासचिव त्रिलोक त्यागी यह भी कह गए कि सपा को कांग्रेस के साथ गठबंधन में लाने के लिए कोशिश जारी है। कांग्रेस को तो सारे देश में साथ आने की जरूरत है। कांग्रेस जहां साथ नहीं भी है, वहां भी साथ आने की जरूरत है।
उन्होंने कहा- ‘मैं कहता हूं वन-टू-वन होगा तो भाजपा को हराने के लिए अच्छा रहेगा। अखिलेश यादव कांग्रेस से बातचीत करेंगे। सभी लोग बैठ के बात करेंगे। वन-टू-वन में कई चीजें सामने आती हैं। सीटों का मुद्दा भी उठता है।’ इससे पहले पिछले दिनों बागपत आए रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में अपनी पार्टी का सपा के साथ गठबंधन जारी रहने की तो बात कही, साथ ही कांग्रेस के साथ गठजोड़ की संभावना से इंकार न करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ गठजोड़ की संभावना पर विपक्ष विचार करेगा।
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कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह जयंत चौधरी बेंगलुरु पहुंचे थे
रालोद के दो वरिष्ठ नेताओं ने यहां बताया कि पार्टी सपा के अलावा दूसरे दलों की ओर भी देख रही है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि चौधरी अब कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के बारे में सोच रहे हैं। पार्टी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने कहा- ‘हम विकल्प तलाश रहे हैं और अगर सब ठीक रहता है, तो आप देखेंगे कि आजाद समाजपार्टी, कांग्रेस और रालोद 2024 लोकसभा चुनाव साथ लड़ेंगे।’
यहां बता दें कि हाल ही में हुए कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह से अखिलेश ने दूरी बना ली थी। जबकि, जयंत चौधरी बेंगलुरु पहुंचे थे। दरअसल, दोनों पार्टियों के बीच तल्खी शहरी निकाय चुनाव के दौरान बढ़ी। इस तल्खी का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2 मई को सहारनपुर जिले में प्रचार के दौरान अखिलेश के साथ जयंत नजर नहीं आए। साथ ही जयंत ने प्रेस कान्फ्रेंस से भी दूरी बना ली। यही नहीं, वेस्ट यूपी में कई जगहों पर सपा और रालोद के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े।
निकाय चुनाव के बाद बढ़ी दूरियां
वैसे सच्चाई यही है कि निकाय चुनाव से पहले से ही सपा और रालोद के रिश्तों में कई बार खींचतान की खबर आ चुकी है। इस तरह की बातें भी सामने आईं कि रालोद कांग्रेस के साथ नई बिसात बिछा सकती है। कांग्रेस से रालोद के जुड़ने की अटकलों को उस समय बल मिला, जब राहुल गांधी ने दक्षिण से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब यूपी से होकर गुजरी थी, तब केवल रालोद के नेता और कार्यकर्ता ही राहुल गांधी की यात्रा में नजर आए थे। अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ता ने भारत जोड़ो यात्रा से दूरी बनाए रखी।