Meerut News: पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद गांधी वैश्विक परिवार जम्मू-कश्मीर द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय सेवा पुरस्कार से सम्मानित

Meerut News: बता दें कि इससे पहले डॉ. मेराजुद्दीन अहमद जो कि वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल के महा सचिव भी है, उन्हें एएमयू कोर्ट के सातवीं बार सदस्य भी निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-10-25 21:33 IST

Former Irrigation Minister Dr Merajuddin Ahmed

Meerut News: उत्तर प्रदेश के पूर्व सिंचाई मंत्री एवं उत्तर प्रदेश निर्यात निगम के पूर्व चेयरमैन डॉ. मेराजुद्दीन अहमद को क्लस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर में राष्ट्र के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए गांधी वैश्विक परिवार जम्मू-कश्मीर द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता क्लस्टर यूनिवर्सिटी वीसी प्रोफेसर कय्यूम हुसैन ने की। गांधी ग्लोबल फैमिली संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग से मान्यता प्राप्त पीस एनजीओ है, जो युवाओं के बीच महात्मा गांधी , मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला की विचारधाराओं का प्रचार करता है । यह जमीनी स्तर पर दोस्ती बढ़ाने और दुनिया भर में लोगों से लोगों के बीच संपर्क स्थापित करने में खुद को जोड़ता है।

बता दें कि इससे पहले डॉ. मेराजुद्दीन अहमद जो कि वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल के महा सचिव भी है, उन्हें एएमयू कोर्ट के सातवीं बार सदस्य भी निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं। डॉ. मेराजुद्दीन अहमद ने कांग्रेस पार्टी से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। फरवरी 2017 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर रालोद का दामन थाम लिया था। तब से वें रालोद से जुड़े हैं। चौधरी अजित सिंह डॉ. मेराजुद्दीन अहमद को सम्मान देते थे। अजित सिंह के चुनावी दौरो के दौरान डॉ. मेराजुद्दीन अहमद उनके साथ ही दिखते थे। डॉ. मेराजुद्दीन अहमद मेरठ के नामी-गिरामी खानदान से ताल्लुक रखते हैं। वे पद्मश्री हकीम सैफुद्दीन अहमद के बेटे हैं। पद्मश्री हकीम सैफुद्दीन अहमद की 2014 में करीब 90 वर्ष की उम्र में बीमारी के कारण इंतकाल हो गया था। हकीम सैफुद्दीन अहमद को 1976 में पद्मश्री से नवाजा गया था। वह तीन राष्ट्रपतियों के चिकित्सक रहे। मैराजुद्दीन अहमद राजनीतिक परिचय

धर्मनिरपेक्ष छवि के मालिक डा. मैराजुउद्दीन अहमद वेस्ट यूपी के कद्दावर मुस्लिम नेताओं से इसलिए अलग माने जाते हैं क्योंकि वें जितना मुसलमानों में प्रभाव रखते हैं उससे कहीं अधिक हिंदूओं में रखते हैं।

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