Meerut News: सांसद ने लोकसभा में उठाया सड़क सुरक्षा का मुद्दा, अन्डरपास समेत फुटओवर ब्रिज बनाए जाने की मांग

Meerut News: सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत मेरठ में परतापुर से पल्लवपुरम तक का मेरठ बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 का भाग है तथा इस पर बहुत बड़ी संख्या मे तीव्र गति के वाहन आते जाते हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-12-21 19:58 IST

Meerut News (Pic:Newstrack)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ-हापुड़ लोकसभा के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने आज लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत सड़क दुर्घटनाओं से बचाव हेतू अन्डरपास, स्लिप रोड़ तथा फुटओवर ब्रिज बनाए जाने की मांग की। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत मेरठ में परतापुर से पल्लवपुरम तक का मेरठ बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 का भाग है तथा इस पर बहुत बड़ी संख्या मे तीव्र गति के वाहन आते जाते हैं।

उन्होनें कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए इन वाहनों के बीच से सड़क पार करना अत्यधिक कठिन कार्य है तथा सड़क पार करने के प्रयास मे विभिन्न स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। सड़कों को सुरक्षित रूप से पार करने के लिए चार स्थानों डुंगरावली, घाट, खड़ोली और दायमपुर पर अन्डरपास तथा स्लिप रोड़ स्वीकृत हो चुकी हैं परंतु अभी तक इन पर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि इसी प्रकार मेरठ-हापुड़-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 334 पर धनौटा एवं लालपुर के निकट स्लिप रोड़ स्वीकृत हुई है तथा नवादा मे प्राथमिक विधालय मार्ग के दूसरी ओर होने के कारण बच्चों के सुरक्षित आवागमन के लिए फुट ओवर ब्रिज बनाया जाना बहुत आवश्यक है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सभापति के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि इन स्थानों पर दुर्घटनाओं से बचाव हेतू अन्डरपास, स्लिप रोड़ तथा फुट ओवर ब्रिज बनाए जाने के आदेश देने की कृपा करें।

बता दें कि कुच अर्सा पहले ही मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत हापुड़ में केन्द्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान का कार्य शीघ्र आरंभ कराए जाने के सम्बन्ध में आग्रह कर चुके हैं। सांसद का कहना है कि मेरे ही संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत हापुड़ जनपद में बाबूगढ़ के निकट 150 एकड़ भूमि का आवंटन प्रदेश सरकार द्वारा संस्थान को किया गया है तथा यह भूमि दिनांक 23 अगस्त 2023 को संस्थान को हस्तांतरित हो गई है। 

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