Meerut News : वेस्ट यूपी के ये सांसद राजनैतिक मंचों पर बेहद सक्रिय लेकिन संसद में . . . .

Meerut News : राजनैतिक मंचों पर बेहद सक्रिय दिखने वाले सांसदों में ऐसे कुछ ही सांसद हैं जो कि संसद में भी जनता की समस्याओं और उनके मुद्दों को लेकर सक्रिय रहते हैं।

Update:2023-06-12 17:38 IST
Rajendra Agarwal (social media)

Meerut News : राजनैतिक मंचों पर बेहद सक्रिय दिखने वाले सांसदों में ऐसे कुछ ही सांसद हैं जो कि संसद में भी जनता की समस्याओं और उनके मुद्दों को लेकर सक्रिय रहते हैं। राजनैतिक मंचों पर खूब भाषण देने वाले वेस्ट यूपी के प्रमुख सांसदों की बात करें तो बुलन्दशहर के बीजेपी सांसद भोला सिंह जहां सवाल पूछने में सबसे आगे रहे हैं वहीं उपस्थिति के मामले में मेरठ-हापुड़ के बीजेपी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल 97 फीसदी उपस्थिति के साथ सबसे आगे रहे हैं। बीजेपी सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री हेमा मालनी भी सदन में 47 फीसदी उपस्थिति के साथ अधिक मुखर नहीं रही हैं।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की ताजा रिपोर्ट जो कि एक जून 2019 से छह अप्रैल के बीच चले संसद सत्र के आधार पर तैयार की गई है के अनुसार बागपत के बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने इस दौरान 96 फीसदी उपस्थति के साथ मात्र एक ही सवाल पूछ पाए। इस दौरान उन्होंने 43 डिबेट में भाग लिया। जबकि दो निजी बिल पेश किये। मेरठ के बीजेपी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल की 97 फीसदी सदन में उपस्थिति रही। सांसद ने 195 सवालों को 2019 से अप्रैल-2023 के बीच उठाए हैं। इस दौरान उन्हें लोकसभा में कई महत्वपूर्ण विषयों पर डिबेट में भाग लेने का मौका मिला है।

मथुरा की बीजेपी सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री हेमा मालनी की सदन में 47 फीसदी ही उपस्थिति रही है। इस दौरान उन्होंने सदन में 87 सवाल पूछे। 17 डिबेट में भाग लिया। पीलीभीत के बीजेपी सांसद वरुण गांधी की उपस्थिति 81 फीसदी रही। उन्होंने 186 सवाल पूछे और पांच डिबेट में भाग लिया। बसपा सांसद मलूक नागर सवाल पूछने के मामले में दूसरे नम्बर पर रहे हैं। उन्होंने 207 सवाल पूछे। सदन में उनकी उपस्थिति 94 फीसदी रही है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की इस रिपोर्ट में बीजेपी के मुजफ्फरनगर सांसद डा.संजीव बालियान का कोई ब्यौरा नहीं दिया गया है। इसकी वजह सांसद का मंत्री होना बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार संदीव बालियान मंत्री है। मंत्री वाद-विवाद में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनकी भागीदारी की सूचना नहीं जी जाती है। क्योंकि वे उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, प्रश्न पूछते हैं, या निजी सदस्य बिल पेश करते हैं।

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