Meerut News: नेशनल माइनॉरिटी फ्रंट ने मणिपुर की घटना पर जताया विरोध, सरकार को बर्खास्त और घटना की CBI जांच की मांग की

Meerut News: पिछले कई माह से मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है। हिंसा को रोकने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये। अनेक लोग मारे गये, घरों को जला दिया गया।

Update:2023-07-22 16:14 IST
नेशनल माइनॉरिटी फ्रंट अध्यक्ष हाजी जी.एम. मुस्तफा: Photo- Newstrack

Meerut News: जातीय हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का वीडियो सामने आने के बाद नेशनल माइनॉरिटी फ्रंट ने शनिवार को मणिपुर की एन. बीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त करने के साथ ही घटना की सीबीआई जांच की मांग की है।

आज यहां हुई बैठक में नेशनल मायनारटी फ्रंट अध्यक्ष हाजी जी.एम. मुस्तफा ने कहा ‘‘मणिपुर में हो रही हिंसा की फ्रंट कड़े शब्दों में निन्दा करता है और वहां की सरकार को बर्खास्त कर घटना की सीबीआई जांच की मांग करता है। उन्होंने कहा कि जांच में कोई भी दोषी हो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

मणिपुर में लगातार हिंसा जारी

वहीं इस बैठक में मौजूद राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सिंचाई मंत्री डा. मैराजुउद्दीन अहमद ने मणिपुर हिंसा पर बेहद अफसोस जताते हुए कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि पिछले कई माह से मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है। हिंसा को रोकने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये। अनेक लोग मारे गये, घरों को जला दिया गया।

पूर्व मंत्री ने आगे कहा, मणिपुर से मानवता को शर्मसार करने वाली वीडियो भी आई है, जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है। जिससे पूरी दुनिया में हमें शर्मसार होना पड़ रहा है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। डा. मैराजुउद्दीन अहमद ने आगे कहा कि राज्य में पूर्ण अराजकता है और तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। खुफिया विफलता, अधिकारियों की मिलीभगत और राज्य और केंद्र सरकारों की निष्क्रियता न केवल मणिपुर के लोगों के लिए बल्कि देश के सभी नागरिकों के लिए दर्दनाक है।’’

बैठक में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश सचिव चैधरी यशपाल सिंह, डा. करमेन्द्र सिंह, दिनेश जाटव, मैहम्मद सलीम सिद्दीकी आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।

आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं।

Tags:    

Similar News