Meerut News: पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर सियासत हुई तेज, बालियान बोले-पहले था गुंडाराज था, अब है कानून का राज
जयंत ने बालियान के पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि जनता की पंचायत न करके पहले घर में पंचायत करें कि क्या करना है? सरकार इनकी है जनप्रतिनिधि इनके हैं। यही बात कहकर जीतकर आए, 10 साल बाद हिसाब नहीं देना चाह रहें हैं।
Meerut News: कल यहां आए राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि जनता की पंचायत न करके पहले घर में पंचायत करें कि क्या करना है? सरकार इनकी है जनप्रतिनिधि इनके हैं। यही बात कहकर जीतकर आए, 10 साल बाद हिसाब नहीं देना चाह रहें हैं।
मात्र 45 मिनट में मेरठ दिल्ली के बीच का सफर तय होगा
जयंत के इस बयान पर जवाबी हमला करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी, डा0 संजीव बालियान ने आज कहा कि बीते 10 सालों में क्षेत्र का विकास किया है। बेटियां देश का नाम रोशन कर रही हैं। तमाम हाईवे और एक्सप्रेस वे बने हैं। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पहले दिल्ली से मेरठ तक सड़कों का यह हाल था कि तीन घंटे में पहुंचते थे अब मात्र 1 घंटे में पहुंच रहे हैं। आगामी कुछ महीनो में ही रैपिडेक्स चलने से मात्र 45 मिनट में मेरठ दिल्ली के बीच का सफर तय होगा।
हाइवे बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का चहुँमुखी विकास हुआ है
उन्होंने कहा कि यह भाजपा के शासन में संभव हुआ है। पहले प्रदेश में गुंडाराज था, अब प्रदेश में भयमुक्त समाज है। कानून का राज है। यह सब भी भाजपा के कार्यकाल में संभव हुआ है। केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान आज मेरठ में सरदार सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय परिसर में कृषि मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हरित प्रदेश मिल्क कोआपरेटिव अच्छा कार्य कर रही है। यहाँ के किसान खेती और खेल से भी जुडे हुए हैं। इसी का परिणाम है कि 14 मेडल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बेटे बेटियों को मिले हैं। हाइवे बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का चहुँमुखी विकास हुआ है। अब अपराध मुक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश जाना जा रहा है। प्रदेश में एथेनाॅल का प्रोडक्शन मक्का, गेहूँ व चावल से किया जा रहा है। 35 लाख टयूबैल उत्तर प्रदेश में हैं। इसके लिए किसान हित में सरकार की नीतियां कार्य कर रही है।