रामायण संग्रह प्रदर्शनी में बोले कार्यवाहक कुलपति प्रो मृदुल कुमार गुप्ता- 'जो कण-कण में बसे, वही राम है'

Meerut News: प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता ने कहा कि, 'भगवान राम ने कई युद्ध लड़े। वीरता के साथ अन्याय का मुकाबला कर पीड़ितों तथा शोषितों का साथ दिया।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-01-15 22:42 IST

रामायण संग्रह प्रदर्शनी में मौजूद लोग (Social Media) 

Meerut News: श्रीराम को हिन्दू धर्म के महानतम देवताओं की श्रेणी में गिना जाता है। वे करुणा, त्याग और समर्पण की मूर्ति माने जाते हैं। उन्होंने विनम्रता, मर्यादा, धैर्य और पराक्रम का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण संसार के सामने प्रस्तुत किया है। ये बात राजा महेंद्र प्रताप पुस्तकालय में चल रही रामायण संग्रह प्रदर्शनी के दौरान कार्यवाहक कुलपति व वरिष्ठ प्रोफेसर प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता ने कही।

उन्होंने कहा कि, 'जो कण-कण में बसे, वही राम है। श्रीराम की सनातन धर्म में अनेकों गाथाएं विद्यमान है। श्रीराम के जीवन की अनुपम कथाएं, महर्षि वाल्मिकी ने बड़े ही सुंदर ढंग से रामायण में प्रस्तुत किया है। इसके अतिरिक्त गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस रच कर जन-जन के हृदय तक श्रीराम को पहुंचा दिया।'

'श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय हैं'

प्रभु श्री राम की इतनी कथाएं हैं कि, उनको कुछ समय में बताना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन है। श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय हैं। हम सभी को उनके आदर्शो पर चलना चाहिए। आज के समय में राम जैसे मर्यादित आदर्श व्यक्तित्व का बने रहना बड़ा मुशिकल हैं। राम का जीवन इसलिए भी सभी के लिए आदर्श है, क्योंकि उनका जीवन पिता के प्रति, पुत्र रूप, पति के रूप में, राजा के रूप, भाई के रूप में, यौद्धा के रूप में अद्वितीय रहा था।

'भाई के लिए राजा का पद त्यागना...'  

प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता ने कहा कि, 'भगवान राम ने कई युद्ध लड़े। वीरता के साथ अन्याय का मुकाबला कर पीड़ितों तथा शोषितों का साथ दिया। अपनी सेना में केवल दलितों और निम्न वर्ग के लोगों को साथ लिया। अपने भाई के लिए राजा का पद त्यागना, पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 वर्ष का वनवास उनकी अद्वितीय त्याग व वीरता के परिचायक कार्य थे।'

इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी डॉक्टर जितेंद्र गोयल डॉक्टर ओमपाल शास्त्री इंजीनियर प्रवीण पवार आदि मौजूद रहे।

Tags:    

Similar News