UP Nikay Chunav 2023: मेरठ निकाय चुनाव में दागियों की भरमार, कई ऐसे प्रत्याशी जिनपर आपराधिक मुकदमें दर्ज
Meerut News: कई ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके घोषणा पत्रों के अनुसार उन पर बलवा और हिंसा के मुकदमें दर्ज हैं। हालांकि राजनीतिक दल दुहाई दे रहे, ये उम्मीदवार दागी नहीं, इन पर तो दाग लगाया गया है।
Meerut News: शुचिता के दावों के बीच नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में प्रमुख सियासी दलों ने दागियों पर ही भरोसा दिखाया है। मेरठ में महापौर पद पर 15 प्रत्याशी मैदान में हैं,जबकि 90 सभासद पदों के लिए 577 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें 87 के खिलाफ आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। इनमें से कई मुकदमें गंभीर अपराध के भी हैं। ऐसे भी उम्मीदवार हैं जिनके घोषणा पत्रों के अनुसार उन पर बलवा और हिंसा के मुकदमें दर्ज हैं। हालांकि राजनीतिक दल दुहाई दे रहे, ये उम्मीदवार दागी नहीं, इन पर तो दाग लगाया गया है।
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बताया जा रहा है कि पुलिस ने तमाम ऐसे प्रत्याशियों का ब्यौरा तैयार कर लिया है। ताकि चुनाव में उनपर विशेष नजर रखी जा सके। सूत्रों के मुताबिक नगर पंचायत पदों पर भी 50 ऐसे प्रत्याशी खड़े हैं जिनपर आपराधिक मुकदमें पाए गए हैं। पता चला है कि कुछ मुकदमों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और सुनवाई कोर्ट में चल रही है।
वैसे, दागियों का चुनाव मैदान में उतरना कोई नई बात नहीं है। विधानसभा और लोकसभा जैसे चुनावों में भी दागी चुनाव लड़े ही नहीं बल्कि जीते भी हैं। मेरठ की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में हस्तिनापुर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े योगेश वर्मा पर चुनाव लड़ने के दौरान 31 मुकदमे दर्ज थे। मेरठ की ही सिवालखास सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े मनिंदर पाल के खिलाफ भी चुनाव लड़ने के दौरान कुल 18 मुकदमे दर्ज थे। इसी तरह सरधना से सपा उम्मीदवार अतुल प्रधान के खिलाफ 37 मामले दर्ज थे। अतुल प्रधान चुनाव जीतकर विधायक भी बने। अतुल प्रधान की पत्नी फिलहाल मेरठ में सपा के टिकट पर महापौर का चुनाव लड़ रही हैं। सरधना से ही बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े संगीत सोम पर भी चुनाव लड़ने के दौरान 6 मुकदमें दर्ज थे।