Meerut News: शपथ ग्रहण समारोह में बवाल का मामला, पुलिस ने कहा- भाजपा पार्षदों के साथ नहीं हुई मारपीट

Meerut News: बीते शुक्रवार को चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय स्थित नेताजी सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में महापौर और पार्षद के चल रहे शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एआईएमआईएम के पार्षद और कार्यकर्ताओं के साथ वंदे मातरम के दौरान खड़ा न होने पर मारपीट की गई थी।

Update: 2023-05-30 21:00 GMT
Meerut News (Photo-Social Media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ के चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय स्थित नेताजी सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में नवनिर्वाचित महापौर और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में वंदे मातरम करने को लेकर हुए विवाद में ओवैसी की पार्टी के पार्षदों द्वारा भाजपा पार्षदों के साथ मारपीट की पुष्टि पुलिस जांच में अभी तक नहीं हुई है।

हिंदूवादी संगठनों ने पुलिस पर खड़ा किया सवाल

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय स्थित नेताजी सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में महापौर और पार्षद के चल रहे शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एआईएमआईएम के पार्षद और कार्यकर्ताओं के साथ वंदे मातरम के दौरान खड़ा न होने पर मारपीट की गई थी। इस मारपीट को लेकर बीजेपी के दो पार्षदों राजीव काले और उत्तम सैनी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में उन्हें थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया गया। एआईएमआईएम के 8 पार्षदों के खिलाफ तहरीर देने पर भी मुकद्मा दर्ज नहीं हुआ, जिस पर हिंदूवादी संगठन भी गुस्से में हैं। उन्होंने एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का पुतला फूंककर अपनी नाराजगी जता दी है। साथ ही वंदे मातरम के अपमान को बड़ा मुद्दा बनाते हुए पुलिस पर सवाल खड़ा किया है।

सीओ ने कहा- मारपीट की कोई पुष्टि नहीं

सिविल लाइन पुलिस क्षेत्राधिकारी अरविन्द चौरासिया इस मामले में भाजपा पार्षद राजीव काले की तरफ से एआईएमआईएम के 8 पार्षदों के खिलाफ मारपीट किये जाने की तहरीर देने पर मुकदमा दर्ज नहीं हेने की वजह पूछे जाने पर इतना ही बताते हैं कि अभी तक की जांच में भाजपा पार्षदों के साथ मारपीट की कोई पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए भाजपा पार्षद की तरफ से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। भाजपा राज्यसभा सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी इस मामले में पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहते हैं-बिना मेरे बयान व नोटिस दिए, विवेचना अधिकारी का यह बयान की केस नहीं बनता, ये बिल्कुल गलत है। इस मामले में पुलिस के आलाअफसरों से बात की जाएगी।

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