नाबालिगों पर जुर्म: मनरेगा के तहत करवाया जा रहा ऐसा काम, उड़ा रहें धज्जियां
बाराबंकी की फतेहपुर तहसील के मुड़ेरी गांव से जुड़ा है। यहां मनरेगा योजना के तहत हो रहे नहर की पटरी के काम में लगभग आधा दर्जन बच्चे काम कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी से लेकर कार्य स्थल पर काम कराने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा इनकी अनदेखी की जा रही है।
बाराबंकी: बाराबंकी जिले में सरकार द्वारा निर्धारित नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां नाबालिग बच्चों से मनरेगा योजना के तहत होने वाले काम को कराया जा रहा है। काम करने वाले कई बच्चे प्राथमिक और जूनियर स्कूल के विद्यार्थी है। इन्हें मजदूरी का भुगतान इनके अभिभावकों के खाते में किया जाता है। जिस उम्र में इनके हाथों में किताबे और पेन होना चाहिये था, उस उम्र में इन बच्चों के हाथों में फावड़ा, कुदाल व मिट्टी से भरे तसले देकर काम कराया जा रहा है। एक तरफ जहां देश के नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ यहां काम कराने के लिए नौनिहालों के भविष्य से खुले आम खिलवाड़ हो रहा है।
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बाराबंकी की फतेहपुर तहसील के मुड़ेरी गांव से जुड़ा है
ताजा मामला बाराबंकी की फतेहपुर तहसील के मुड़ेरी गांव से जुड़ा है। यहां मनरेगा योजना के तहत हो रहे नहर की पटरी के काम में लगभग आधा दर्जन बच्चे काम कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी से लेकर कार्य स्थल पर काम कराने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा इनकी अनदेखी की जा रही है। वैसे तो बाल श्रम कराना कानूनन अपराध है। लेकिन यहां न तो काम कराने वालों को इसका डर है और न ही करने वालों को।
मौके पर काम कर रहे किसी नाबालिग मजदूर ने बताया
मौके पर काम कर रहे किसी नाबालिग मजदूर ने बताया कि उसका पैसा उसके पापा के बैंक खाते में जाता है तो किसी ने बताया कि उसका अपना जॉब कार्ड बना हुआ है। उन्होंने बताया कि वह यहां माइनर पटरी का काम चल रहा है। काम कर रहे 14 साल के कक्षा 8 के एक बच्चे ने बताया कि उनके पापा के खाते में मजदूरी का पैसा जाता है। वहीं मनरेगा मजदूर राजेश कुमार का कहना है कि इन नाबालिग मजदूरों को अगर काम करने से मना करते हैं तो उनके घर वाले हमें परेशान करते हैं।
प्रधानपति हंसराज ने बताया कि उन्होंने नाबालिग लड़कों को काम करने से रोका था
प्रधानपति हंसराज ने बताया कि उन्होंने नाबालिग लड़कों को काम करने से रोका था। लेकिन इनके परिवार वाले इन्हें काम करने के लिए जबरन भेज देते हैं। वहीं बिना जॉबकार्ड के काम कराने की बात को पहले प्रधानपति ने नकार दिया बाद में कहा कि जो बिना जॉबकार्ड के काम कर रहे हैं उनका पैसा उनके अभीभावकों के खाते में जाता है।
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वहीं इस मामले में डीसी मनरेगा ने कहा कि इस संबंध में अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग से स्पष्टीकरण मांगकर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। मनरेगा में नाबालिग बच्चों से काम कराना अवैध और नियम विरुद्ध है। यह बिल्कुल नहीं होना चाहिये। हम जांच करवाकर उचित एक्शन लेंगे।
सरफराज वारसी
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