Bijnor: अल्पसंख्यक विभाग के अफसरों ने तीन मदरसों का किया सर्वे, मिली कई खामियां

Bijnor News Today: यूपी सरकार ने ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फरमान जारी किया था।

Update: 2022-09-13 10:47 GMT

अल्पसंख्यक विभाग के अफसरों ने किया सर्वे

Bijnor News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में चल रहे ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फरमान जारी किया। इसी के तहत सरकार की मंशा के तहत बिजनौर के प्रशासनिक अफसर भी हरकत में आ गए है। अल्पसंख्यक विभाग (minority department) के अफसरों ने आज पहले दिन तीन मदरसों के सर्वे की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

1921 से चल रहे मदरसे की थी मान्यता

बिजनौर शहर में मौजूद मदरसे की शुरुआत अंजुमन खादिमुल यतामा वल मदारिस से की गई, जिसमें अफसरों ने जांच पड़ताल में पाया कि 1921 से चल रहे मदरसे की मान्यता थी लेकिन नवीनीकरण नहीं कराया। साथ ही मदरसों में उर्दू की तालीम दी जा रही है, जबकि हिंदी मीडियम की शिक्षा से मदरसों के बच्चों को दूर रखा जा रहा है।


मदरसा जामिया इस्लाहुल बनात में किया सर्वे

शहर के दूसरे मदरसे में पहुंची टीम ने मदरसा जामिया इस्लाहुल बनात में सर्वे किया जहां पर कई सालों से लेडीज मदरसा पिछले कई सालों से बिन मान्यता के बखूबी चल रहा है।

बिन मान्यता के मदरसा चला रहे हैं फैज़ुल उलूम

तीसरा मदरसे में पहुंची टीम फैज़ुल उलूम में भी सालों से चल रहे मदरसे में 250 बच्चे मदरसे में पढ़ रहे है, लेकिन उसके बावजूद बिन मान्यता के मदरसा चला रहे है। इधर शासन से 25 अक्टूबर तक अधिकारियों को मदसरे की लखनऊ रिपोर्ट भेजनी है। मदरसे के उस्ताद ने भी माना कि मदरसे की मान्यता नहीं है। मदरसे में सिर्फ इस्लामिक पढ़ाई ही की जाती है।

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