डॉक्टर बने भगवान: कराई सफल सिजेरियन डिलेवरी, एक मां ने नौ बच्चों को दिया जन्म
राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में स्थित पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों से वार्ता करने पर उन्होंने बताया कि फीमेल डॉगी गर्भवती थी। वह लैब्राडोर प्रजाति से है।
मिर्जापुर: डॉ को इस धरती का दूसरा भगवान कहा जाता है। जिससे एक डॉक्टर की महत्ता का पता चलता है। डॉक्टर रोगों का इलाज कर लोगो को एक दूसरा जन्म देते है। ये मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। ऐसा ही एक नजारा जिले के बरकछा पहाड़ी पर स्थित राजीव गांधी दक्षिणी परिसर के पशु चिकित्सालय में एक फीमेल डॉग गर्भवती थी जिसको सांस लेने में तकलीफ था। जिसको तकलीफ में देख डॉक्टरों की एक विशेष टीम ने तत्काल उस फीमेल डॉग को बचाकर एक इतिहास रच दिया। राजीव गांधी दक्षिणी परिसर के काबिल और महान डॉक्टरों ने इंसानियत की एक मिशाल कायम कर दी है। जिसकी चर्चा के माहौल से बाजार गर्म है।
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गर्भवती डॉगी को सांस लेने में थी परेशानी
राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में स्थित पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों से वार्ता करने पर उन्होंने बताया कि फीमेल डॉगी गर्भवती थी। वह लैब्राडोर प्रजाति से है। जिसकी वजह से वह सांस की समस्या से जूझ रही थी। जिसके मालिक यहां दक्षिणी परिसर में इलाज के लिए लेकर आये। जहाँ पर लैब्राडोर की अचानक से तवियत बिगड़ने लगी। ऐसी परिस्थिति में लैब्राडोर की डिलीवरी पशु चिकित्सालय के सर्जरी हेड एनके सिंह के नेतृत्व में विशेष डॉक्टरों की एक टीम जिसमे डॉ विनोद कुमार, डॉ डीडी मैथ्यू व डॉ राहुल उदेहिया आपातकालीन सीजर सर्जरी कर लैब्राडोर की जिंदगी बचायी गयी।
लैब्राडोर ने नौ बच्चो को दिया जन्म
आपातकालीन सर्जरी के बाद गर्भवती फीमेल लेब्राडोर के पेट से नौ छोटे छोटे प्यारे बच्चों को सफलतापूर्वक जन्म दिलाया गया। डॉ ने बताया कि यह राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में पहली बार ऐसी आपातकालीन सर्जरी की गयी है जिसमे सफलतापूर्वक जच्चा व बच्चा दोनो लोग सुरक्षित है। यह बरकछा में स्थित बीएचयू कैंपस है। यह पूर्वांचल की सबसे बड़ी पशु चिकित्सालय है। यहां पर सभी प्रकार के पशुओं का इलाज किया जाता है। यह कैम्पस पूर्वांचल के सबसे बड़ा विश्विद्यालय है।
रेडियोलॉजिस्ट ने सर्जरी करने का लिया निर्णय
लैब्राडोर फीमेल डॉगी सांस की समस्या से जूझ रही थी, जहां उसके बच्चों के बचने का उम्मीद बेहद ही कम था । ऐसे में बरकछा बीएचयू में तैनात रेडियोलॉजिस्ट ने लैब्राडोर की बिगड़ती तवियत देखकर अचानक निर्णय लिया और आपातकालीन सर्जरी शुरू कर दिया, जहां लगभग एक घण्टे की सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक नौ स्वस्थ बच्चों को बचा लिया गया। डॉ ने बताया कि सामान्य रूप से यह लैब्राडोर अपने बच्चों को जन्म नहीं दे सकती थी। लैब्राडोर और उसके बच्चों व उसकी जान को बेहद खतरा था। जहां हम लोगों की टीम ने कड़ी मसक्कत और मेहनत करके सर्जरी के बाद इसे बचाया गया है।
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वर्जन
डॉ राजेश सिंह पीआरओ बीएचयू ने बताया कि पशु चिकित्सा सर्जरी और रेडियोलॉजी विभाग, एफवीएएस-आरजीएससी, बीएचयू ने 03.02.2021 को सिजेरियन किया। ताकि एक महिला लैब्राडोर कुत्ते को बचाया जा सके और 9 पिल्ले को सफलतापूर्वक निकाला और उन्हें भी बचाया। पूर्ण अवधि के कुत्ते को असामान्य रूप से फुलाए हुए पेट के साथ विभाग में भेजा गया था। यह कुत्तों में एक बहुत ही असामान्य और दुर्लभ मामला था और चूंकि जानवर को साँस लेने में कठिनाई हो रही थी आपातकालीन सर्जरी की गई थी।
रिपोर्ट- ब्रिजेन्द्र दुबे
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