Mirzapur News: खुद पर गोली चलवाकर रची थी साजिश, अपने ही बुने जाल में फंसा गोलू पंडित हत्याकांड का गवाह

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के अर्जुनपुर नहर पर चर्चित गोलू पंडित हत्याकांड के मुख्य गवाह को गोली मारने के मामले में पुलिस खुलासा किया।

Update:2023-07-30 18:06 IST

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के अर्जुनपुर नहर पर चर्चित गोलू पंडित हत्याकांड के मुख्य गवाह को गोली मारने के मामले में पुलिस खुलासा किया। गवाह ने अपने साथियों के साथ मिलकर विरोधियों को फंसाने के लिए साजिश के तहत अपने ऊपर गोली चलवाई थी। पुलिस ने बताया कि घटना के समय ही यह पूरी घटना संदेहास्पद लग रही थी, जिसमें जांच के बाद मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। पुलिस ने कोतवाली देहात में शुभम मिश्रा सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्जकर दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

जानिए क्या है पूरा मामला

मिर्ज़ापुर में चर्चित हत्याकांड के गवाह को गोली मारने के मामले का पुलिस सनसनीखेज खुलासा किया। गवाह ने ही खुद अपने साथियों की मदद से अपने विरोधी को फंसाने के लिए अपने आप को गोली मार ली। पुलिस ने खुलासा करते हुए खुद को गोली मारने की साजिश रचने के जुर्म में गवाह और उसके साथी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। देहात कोतवाली थाना क्षेत्र में 16 जुलाई 2023 को चर्चित गोलू मिश्रा हत्याकांड मामले में गवाह शुभम मिश्रा संदिग्ध परिस्थितियों में कंधे पर गोली लगने के कारण घायल हो गया था। घायल अवस्था में इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

परिजनों ने चार लोगों पर लगाया था आरोप

घायल शुभम मिश्रा के परिजनों ने गोलू पंडित हत्याकांड मामले में आरोपी मनी यादव और उसके चार साथियों के खिलाफ पकड़कर धमकाने और गोली मारने की तहरीर देते हुए हत्या के प्रयास का मुकदमा देहात कोतवाली थाने में दर्ज करवाया। पुलिस ने जब इस गोली कांड की जांच पड़ताल शुरू की तो खुद शुभम मिश्रा अपने ही बुने जाल में फंस गया। पुलिस ने पूछताछ के बाद गवाह शुभम मिश्रा और साथी विकास तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल और कारतूस भी बरामद किया। वहीं इस घटना में शामिल दो अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए उनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

एसपी ने दी ये जानकारी

घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा ने बताया कि शुरू से ही यह मामला संदेहास्पद लग रहा था। जांच के बाद पता चला कि विरोधी को फर्जी फंसाने के लिए विकास तिवारी, शुभम मिश्रा और दो साथियों के साथ पूरी साजिश रची। शुभम को पकड़कर बाएं कंधे पर गोली मारकर गोली लगने का निशान बनाकर घायल अवस्था में छोड़कर आरोपित वहां से हट गए थे।

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