Mirzapur News: शिक्षक से राजनीति में आए PDM के लोकसभा प्रत्याशी दौलत सिंह पटेल

Mirzapur News: शिक्षक से राजनीति में आए अपना दल कैमराबादी के लोकसभा प्रत्याशी दौलत सिंह पटेल अपनी जीत को लेकर निश्चित है और अपनी पीठ खुद थपथपा रहे है। मुद्दों की बात पर कहा कि बिजली, सड़क, पानी से लेकर किसान और नौजवान सभी के लिए जिले में मुद्दे हैं।

Report :  Brijendra Dubey
Update:2024-04-29 19:14 IST

मीडिया से वार्ता करते PDM के लोकसभा प्रत्याशी दौलत सिंह पटेल (Pic:Newstrack)

Mirzapur News: यूपी के मिर्जापुर जनपद में राजनीतिक पहचान को लेकर चिंतित पीडीएम प्रत्याशी ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि, "मीडिया के माध्यम से जनता तक अपनी बात पहुंचाना चाहता हूं। आपके मध्यम से मैं जल्दी ही जनता के बीच पहुंच सकता हूं। लोकसभा चुनाव में मुद्दे की बता पर कहा कि किसान से लेकर नौजवान तक सभी मुद्दे ही हैं, बिजली, पानी, सड़क और खनन मुख्य मुद्दा है। सपा के साथ गठबंधन कर वर्ष 2022 में एक ही सीट पाने वाली अपना दल कमेरावादी कुर्मी वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर 51% मत पाने का दावा कर रही है,"।

जानिए कौन हैं दौलत पटेल

शिक्षक से राजनीति में आए अपना दल कैमराबादी के लोकसभा प्रत्याशी दौलत सिंह पटेल अपनी जीत को लेकर निश्चित है और अपनी पीठ खुद थपथपा रहे है। मुद्दों की बात पर कहा कि बिजली, सड़क, पानी से लेकर किसान और नौजवान सभी के लिए जिले में मुद्दे हैं। पिछले 10 सालों में यहां की सांसद ने कोई कार्य नहीं कराया है। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें अपना प्रतिद्वंदी इसलिए नहीं मानता हूं क्योंकि उनकी सीट ही अभी तक घोषणा नहीं हुई है। कहा कि मेरी लड़ाई स्थानीय बनाम बाहरी है और केवल बसपा के प्रत्याशी ही मेरे मुकाबले में लड़ेंगे। 50 वर्षो से राजनीति में सक्रिय रहे रहे दौलत सिंह टिकट मिलने से पहले तक कांग्रेस में पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष थे।

कांग्रेस को छोड़ने के पीछे विचाराधारा की बता करते है। पिछले 10 वर्षों से एनडीए में शामिल अपना दलित की संसद और केंद्र सरकार में दोनों बार केंद्रीय राज्य मंत्री पद पर आसीन अपना दल राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल जैसी सशक्त प्रत्याशी के साथ लड़ाई के मैदान में उतरे पीडीएम प्रत्याशी का मानना है कि उनकी जीत लहर में हुई है उनकी अपनी कोई व्यक्तिगत हैसियत ही नहीं है। पटेल जाति के वोटों को लेकर जीत की रणनीति बनाने वाले प्रत्याशी का मानना है कि उनको सजातीय वोट इसलिए ज्यादा मिलेगा क्योंकि वे स्थानीय और अपनों के बीच के है। अगर जीत उनको मिलती है तो वे इंडिया गठबंधन में शामिल होंगे।

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