Yogi 2.0 Cabinet: योगी मंत्रिमंडल में दिखेगा मोदी सरकार का अक्स, ब्यूरोक्रेट्स के साथ टेक्नोक्रेट्स भी
Yogi 2.0 Cabinet: यूपी (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की बनने वाली नई सरकार में मोदी सरकार (Modi Government) की झलक देखने को मिलेगी।
Yogi 2.0 Cabinet 2022: यूपी (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की बनने वाली नई सरकार में मोदी सरकार (Modi Government) की झलक देखने को मिलेगी। मिशन- 2024 (Mission- 2024) को सफल बनाने को लेकर बनने वाले नए मंत्रिमंडल में केन्द्र की भाजपा (BJP) सरकार की तरह टेक्नोक्रेट्स और ब्यूरोकेट्स (Technocrats and Bureaucrats) को मौका दिया जाएगा। भाजपा के रणनीतिकारों को मालूम हैं कि ब्यूरोक्रेट्स से मंत्री बनाने का लाभ होता है। उन्हे पूरा सिस्टम पता होता है। इसलिए काम में ईमानदारी और पारदर्शिता रहती है।
केन्द्र में जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश की सत्ता संभाली है तब से वह अपने मंत्रिमंडल में ब्यूरोकेट्स के अनुभव का लाभ लेते रहे हैं। पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में जब मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो फिर उन्होंने टेक्नोक्रेट्स और ब्यूरोक्रेट्स को स्थान दिया । उनके मंत्रिमंडल में आईएफएस आईएएस इंजीनियर आदि शामिल हैं।
अरविन्द शर्मा ने पूरे प्रदेश का दौरा कर राजनीतिक थाह लेने का काम किया
पिछले साल ही पीएमओ में तैनात प्रशासनिक अधिकारी अरविन्द्र कुमार शर्मा (Arvind Kumar Sharma) ने वीआएस लेकर यूपी की राजनीति में उतरने का काम किया। उस दौरान कहा गया कि उन्हे प्रदेश में डिप्टी सीएम अथवा प्रदेश में गृहमंत्री का पद दिया जाएगा। पर ऐसा नहीं हुआ। यह बात अलग है कि शर्मा को एमएलसी बनाने के बाद संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी दी गयी। इसके बाद अरविन्द शर्मा ने पूरे प्रदेश का दौरा कर राजनीतिक थाह लेने का काम किया और इस बार उम्मीद की जा रही है कि उनके प्रशासनिक अनुभव का लाभ प्रदेश की जनता को योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद मिलेगा।
इसी तरह पूर्व एडीजी और कन्नौज सदर से विधायक असीम अरुण भी योगी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी संभावना है। असीम अरूण ने कानपुर कमिश्नर के पद से वीआरएस लेकर राजनीति में सेवा करने का रास्ता चुना है। उन्हे प्रदेश के अपराधियों की पूरी कुंडली की जानकारी है। इसलिए कहा जा रहा है कि यदि उन्हे योगी सरकार में जिम्म्दारी मिलती है तो उसका लाभ प्रदेश के लोगों को पूरा भरपूर मिलेगा।
सरोजनी नगर से विधायक राजेश्वर सिंह को भी मिल सकता है मंत्री पद
ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक एवं सरोजनी नगर से विधायक राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh, MLA from Sarojini Nagar) को भी मंत्री बनाया जा सकता है। राजेश्वर सिंह ने ईडी में अपनी सेवाओं को देते हुए कई बडे घोटालों को खोलने का काम किया जिसके कारण उनका पूरे देश में नाम हुआ है विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने राजनीति में उतरने का फैसला लिया और लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा से लम्बे अंतर से चुनाव जीतने का काम किया है।
इनके अलावा रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह भी बेहद पढी लिखी है। अदिति ने यूएसए की ड्यूक यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी है। पहले वह कांग्रेस से विधायक बनी लेकिन बाद में अपनी सियासी पारी भाजपा के साथ शुरू की और दूसरी बार रायबरेली की सदर सीट से विधायक बनी हें।
रिटायर होने के बाद राजनीति के क्षेत्र में उतरे कई अधिकारी
उल्लेखनीय है कि मोदी मंत्रिमंडल में हरदीप सिंह पुरी आरके सिंह एस जयशंकर और अश्विनी वैष्णव ऐसे मंत्री हैं जो राजनीति के क्षेत्र से नहीं आए हैं बल्कि सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद राजनीति के क्षेत्र में उतरे हैं।
अश्विनी वैष्णव अमेरिका से एमबीए पास हैं। वह आईआईटी कानपुर से एमटेक पासआउट होने के साथ आईएएस अधिकारी भी रहे हैं। उन्होंने पीपीपी माडल के आधार पर वैश्विक क्षेत्र में कई बड़ी कम्पनियों के लिए काम किया है। इनके अलावा नारायण राणे जो कि महाराष्ट्र से आते हैं, राजनीति में आने के पहले एक सरकारी अधिकारी हुआ करते थें। उन्होंने आयकर विभाग में रहते हुए 1971 से लेकर 1984 तक सेवा की। एस जयशंकर पहले से ही मंत्री थे लेकिन इनके अलावा रामचन्द्र प्रसाद सिंह 1984 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। जिनका आज प्रमोशन किया गया है। वह केन्द्रीय गृह सचिव भी रह चुके हैं।
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