राम मंदिर के लिए मोदी सरकार ने दिया पहला चंदा, जल्द होगा निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को संसद में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। इस ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र रखा गया है। इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे।
लखनऊ: प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को संसद में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। इस ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र रखा गया है। इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे। जिनमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे। ट्रस्ट गठन के बाद इसको केंद्र सरकार की तरफ से पहला दान भी मिल गया है। केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से ट्रस्ट को 1 रुपये का दान दिया गया है। अयोध्या निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट को 1 रुपये दान के तौर पर दिया गया है ताकि ट्रस्ट की ओर से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरु हो सके।
गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया पहला दान
अयोध्या निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट को यह पहला दान गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया। अधिकारी ने बताया कि ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट अचल संपत्ति सहित बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है।
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ट्रस्ट के 15 सदस्यों में ये हैं शामिल
इस ट्रस्ट में जिन 15 सदस्यों को शामिल किया गया है, उनमें जगतगुरु शंकराचार्य, जगतगुरु माधवानंद स्वामी, युगपुरुष परमानंद जी महाराज, पुणे के गोविंद देव गिरि, अयोध्या के डॉक्टर अनिल मिश्रा, कामेश्वर चौपाल और निर्मोही अखाड़ा के धीरेंद्र दास का नाम शामिल है। इनके अलावा ट्रस्ट में सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट केशवन अय्यंगार परासरण भी होंगे।
के. परासरण के आवास से होगा कार्य
शुरुआत में ये ट्रस्ट सीनियर एडवोकेट के. परासरण के आवास से कार्य करेगा। लेकिन बाद में इस ट्रस्ट का एक स्थायी कार्यालय खोला जाएगा। इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर निर्णय करने के लिए स्वतंत्रत रहेगा। वहीं इसका पंजीकृत कार्यालय दिल्ली में होगा।
बुधवार को PM मोदी ने ट्रस्ट का किया गठन
गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 5 फरवरी को संसद में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान किया। इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि ट्रस्ट पूरी तरह से मंदिर के निर्माण कार्य के लिए स्वतंत्र होगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने मस्जिद की जमीन के लिए सहमति की बात भी कही।
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मोदी सरकार ने मंदिर के लिए बनाया ट्रस्ट
पीएम मोदी ने बुधवार को संसद मे कहा कि सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) के आदेश के अनुसार गहन विचार विमर्श और संवाद के बाद अयोध्या में पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित करने का अनुरोध यूपी सरकार से किया गया, इस पर राज्य सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
मस्जिद निर्माण के लिए जगह की गई चिन्हित
पीएम मोदी के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन के लिए जगह चिन्हित कर ली। बुधवार को हुई योगी कैबीनेट बैठक में इस पर मुहर भी लग गई है। मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 3 महीने के अंदर 5 एकड़ जमीन दिया जाना निर्धारित किया गया था। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के 3 विकल्पों में शामिल ग्राम धनीपुर, तहसील सोहलावलपुर के थाना रौनाहीपुर मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर पर जमीन मस्जिद के लिए दी जाएगी।
9 नवंबर को अयोध्या मामले पर SC ने सुनाया था फैसला़
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर, 2019 को वर्षों से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर रामलला के हक में अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का आदेश जारी किया था। साथ ही सरकार को मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट गठित करने का भी निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मस्जिट के 5 एकड़ जमीन देने का भी फैसला सुनाया था।
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