Moradabad News: UP सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 शिक्षक किए गए बर्खास्त

Moradabad News: साल 2014-15 में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसमें मुरादाबद के भी 12 लोगों ने आवेदन किया था।

Update: 2023-09-27 13:07 GMT

yogi Adityanath government terminated12 basic teachers (Photo-Social Media)

Moradabad News: बेसिक शिक्षा विभाग में आठ साल पहले हुई फर्जीवाड़े में बड़ी कार्रवाई हुई है। 12 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। इन्होंने 2014-15 में बीटीसी का परिणाम आने के दो दिन पहले आवेदन कर दिया था। बीटीसी प्रशिक्षु बताकर फर्जी अंक भी भर दिए थे। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सभी को शासन स्तर से बर्खास्त कर दिया गया।

बता दें कि साल 2014-15 में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसमें मुरादाबद के भी 12 लोगों ने आवेदन किया था। आवेदन में शैक्षणिक योग्यता के रूप में डीएड मांगा गया था। जबकि इन लोगों का बीटीसी का परिणाम नहीं आया था। लेकिन इन्होंने परिणाम आने के दो दिन पूर्व में खुद को बीटीसी प्रशिक्षु दर्शा दिया था। इसके मनगढ़ंत नंबर भी भर दिए थे। इसको लेकर कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद शासन स्तर से जांच कराई गई। बेशिक शिक्षा परिषद सचिव ने पांच सितंबर को बीएसओ को बर्खास्त करने की कार्रवाई करने के लिए कहा था।

BSA अजीत कुमार ने प्राइमरी विद्यालय खानपुर बिलारी में तैनात अजय कुमार, प्राइमरी विद्यालय कौंदरी में तैनात शिखा, प्राइमरी विद्यालय रामनगर गंगपुर में तैनात गोविंद रस्तोगी, प्राइमरी विद्यालय एहलादपुर में तैनात ऋषिपाल सिंह, प्राइमरी विद्यालय खानपुर मूंढापांडे में तैनात पंकज कुमार, प्राइमरी विद्यालय जैतिया सादुल्लापुर में तैनात विनीत यादव समेत 12 सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया।

बता दें कि आवेदन के वक्त जिले में मुन्ने अली बीएसए थे। जबकि नियुक्ति के समय कांता प्रसाद बीएसए थे। वर्तमान बीएसए ने बताया कि पुराना प्रकरण मामला है। बेशिक शिक्षा परिषद से 12 शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश मिला है। आदेश के अनुपालन में इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इन लोगों ने बीटीसी का परिणाम आने से दो दिन पहले ही ऑनलाइन आवेदन किया था। परिणाम से

क्या था पूरा मामला?

वर्ष 2014-15 में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसी भर्ती में मुरादाबाद के 12 शिक्षकों की भी नियुक्ति की गई थी। आवेदन के वक्त इन लोगों ने वक्त बीटीसी का फर्जी अंक भरा था। आयोग द्वारा आवेदन के बाद त्रुटि सुधाने का मौका दिया जाता है। इसी का फायदा उठाकर इन लोगों ने फर्जी अंक में सुधार कर सही अंक भर दिए थे। आयोग द्वारा मांगे गए आवेदन में डीएड विशिष्ट बीटीसी का उल्लेख नहीं दिया था। इसके बाद मामला संज्ञान में आने के बाद दोबारा शिक्षक भर्ती के लिए डीएड विशिष्ट बीटीसी के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें कुछ लोगों ने दुबारा आवेदन कर दिया था। जब जांच हुई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

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