माफिया मुख्तार अंसारी से याराना IAS रामविलास को पड़ा भारी, कार्रवाई होना तय

अपराधी उसी को माना जाता है, जिसका अपराध दिख जाता है। अपराधियों को संरक्षण देने वाले नेता व अधिकारी अक्सर बच निकलते हैं, इसी का नतीजा है कि लाख प्रयासों के बावजूद अपराधीकरण पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

Update: 2021-03-23 10:19 GMT

लखनऊ। अपराधी उसी को माना जाता है, जिसका अपराध दिख जाता है। अपराधियों को संरक्षण देने वाले नेता व अधिकारी अक्सर बच निकलते हैं, इसी का नतीजा है कि लाख प्रयासों के बावजूद अपराधीकरण पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हालांकि ऐसा सभी मामलों में नहीं है, कुछ मामलों में अपराधियों को संरक्षण देने वाले भी बेनकाब हुए हैं। ऐसे ही अपराधियों में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी का नाम भी आता है। इनको संरक्षण देने वालों की लंबी फेहरिस्त है। मजे की बात यह है ऐसे अपराधियों को माननीय बनाने में जनता की भी अहम भूमिका है। फिलहाल सरकारी जमीन पर बाहुबली मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी की बिल्डिंग का नक्शा पास करने में आईएएस रामविलास यादव सहित कई अधिकारियों और इंजीनियरों की गर्दन फंसती नजर आ रही है।

एलडीए ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मुख्तार और अफजाल की बिल्डिंग का नक्शा पास करने में उत्तराखंड में तैनात आईएएस रामविलास यादव सहित कई और अधिकारियों एवं इंजीनियरों को दोषी माना है। वर्ष 2007 में आईएएस रामविलास यादव एलडीए में सचिव पद पर तैनात थे। वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण ने दोषी पाए गए अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है, जिसके बाद एलडीए में हलचल काफी बढ़ गई है।

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जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक प्रमुख सचिव आवास ने एक दिन पहले अधिकारियों को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है, जबकि एलडीए ने पहले ही अपनी रिपोर्ट शासन को भेज चुका है। लेकिन दोषियों पर कार्रवाई शासन स्तर से ही अटकी हुई है। वहीं शासन के निर्देश पर सोमवार को फिर से रिपोर्ट भेजी गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही दोषी अधिकारियों और इंजीनियरों पर कार्रवाई संभव है। शासन से सरकारी जमीन पर अफजाल अंसारी के मकान का नक्शा पास करने के मामले में भी रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें एलडीए के तत्कालीन सचिव रामविलास यादव को दोषी माना गया है।

बिना औपचारिकता के पास कर दिया मानचित्र

बताते चलें कि आईएएस रामविलास यादव मौजूदा समय में उत्तराखंड में तैनात है। 19 फरवरी को एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। शासन को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में उपाध्यक्ष ने लिखा है कि 1 फरवरी, 2007 को सचिव पद पर रहते हुए रामविलास यादव ने अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के भवन मानचित्र की स्वीकृति दी थी। इसके लिए वह उत्तरदायी हैं। उपाध्यक्ष ने लिखा है कि रामविलास यादव ने शमन मानचित्र स्वीकृति से पहले निष्क्रांति संपत्ति होने की अनापत्ति नहीं ली थी। जबकि अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के मकान का नक्शा पास करने के मामले में एलडीए के तत्कालीन अधिशासी अभियंता तथा वर्तमान में नगर विकास विकास में मुख्य अभियंता मनीष कुमार सिंह, अवर अभियंता एस. भावल, जीएस वर्मा और सहायक अभियंता अनूप शर्मा को भी दोषी माना गया है। एलडीए की तरफ से इनके खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

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