मुख्तार के गुर्गों पर कसा शिकंजा, रंगदारी के आरोप में केस दर्ज
मुख्तार अंसारी के नाम पर गुंडा टैक्स मांगने और जबरन जमीन पर कब्जा करने के लिए 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
वाराणसी। मऊ सदर से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। एक तरफ उन्हें पंजाब के रोपड़ जेल से यूपी लाने की तैयारी हो रही है तो दूसरी तरफ अब उनके गुर्गों पर भी लगातार नकेल कसी जाने लगी है। वाराणसी में मुख्तार अंसारी के नाम पर पचास लाख रूपये गुंडा टैक्स मांगने और जबरन जमीन पर कब्जा करने के संबंध में 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, उसमें मुख्तार अंसारी का चचेरा भाई भी शामिल है। उसका नाम मंसूर अंसारी है। आरोप लगाने वाले युवक आरिफ के मुताबिक उसके पिता ने साल 1962 में बजरडीहा इलाके एक बीघा जमीन खरीदी थी। पिता की मौत के बाद वह जमीन आरिफ और उसके दो भाइयों के नाम पर दर्ज हो गई।
साल 2016 में मुख्तार अंसारी से जुड़े
लोगों की नजर उस जमीन पर पड़ी। इसके बाद मुख्तार के लोग जमीन को बेचने का दबाव बनाने लगे। दबाव में आरिफ इस जमीन को एक करोड़ों में बेचने के लिए तैयार हो गया। 7 अक्टूबर 2016 को मुख्तार के लोग आरिफ और उसके भाई को जबरन कचहरी ले गए और पहले से तैयार कागजात पर दस्तखत कराने लगे। आरिफ का आरोप है कि जब उसने और उसके भाई ने विरोध किया तो 22 लाख रूपये के चेक थमा दिया। बाद में ज़ब उसने इस चेक को बैंक में लगाया तो वह बाउंस हो गया। दोबारा लगाने पर भी यही हुआ।
पैसे मांगने पर मिली धमकी
इस बीच ज़ब आरिफ ने पैसे मांगने शुरु किये तो मंसूर और उसके दोस्त धमकी देने लगे। कुछ दिनों पहले शिवपुर इलाके में उसके रोक लिया और पचास लाख रूपये गुंडा टैक्स की मांग की। इसके अलावा पुराने पैसे और जमीन को भूल जाने की धमकी दी। इस मामले में शिवपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष राजीव रंजन उपाध्याय के मुताबिक पीड़ित के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। जांच में जो दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।