Muzaffarnagar News: ...तो अब कुर्ते पर भी नाम लिखें क्या? जानें ऐसा क्यों बोल जयंत चौधरी

Muzaffarnagar News: जयंत चौधरी ने कहां-कहां नाम लिखे, क्या अब कुर्ते में भी नाम लिखना शुरू कर दें ताकि देख कर पता लगाया जा सके कि हाथ मिलाना है या गले लगाना है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-21 09:45 GMT
जयंत चौधरी (Pic: Social Media)

Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश में बीते दो तीन दिनों से कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम लिखे जाने के योगी सरकार के आदेश के बाद बवाल मचा हुआ है। सरकार द्वारा आदेश दिए जाने के बाद से इस पर राजनीति तेज हो गई है। इस मामले पर नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। इस बीच इस पूरे विवाद पर राष्ट्रीय लोक दल (RLD) प्रमुख और केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जयंत चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांवड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती। 

जयंत चौधरी ने कहा कि धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेत।  इस मामले को धर्म और जाति से भी नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सब अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं। मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग क्या लिखेगा। सरकार ने यह फैसला ज्यादा सोच समझ कर नहीं लिया। अब फैसला ले लिया तो उस पर टिक रहे हैं।  जयंत चौधरी ने कहा कि ऐसा भी है कि मुसलमान वेजिटेरियन है और हिन्दू नॉनवेज खाने वाले भी है। साथ ही उन्होंने सवाल पूछा कि कहां-कहां नाम लिखे, क्या अब कुर्ते में भी नाम लिखना शुरू कर दें ताकि देख कर पता लगाया जा सके कि हाथ मिलाना है या गले लगाना है। 

बीजेपी के चार सहयोगी दर कर चुके हैं विरोध

बता दें कि कांवड़ यात्रा में दुकानों के नाम पहचान बनाने के फैसले का अब तक बीजेपी के चार सहयोगी दलों ने विरोध किया है। इसमें नया नाम एनसीपी का है। इससे पहले जेडीयू, एलजेपी पासवान और RLD फैसले का विरोध कर चुके हैं। 

दुकानों पर नेमप्लेट लगाने को लेकर क्यों हो रहा है विरोध

दरअसल, उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा पर दुकानों-ठेले वालों के लिए एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों पर अपना नाम लिखें जिससे कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। सीएम ने कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ‘ नेमप्लेट’ लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान होगा लिखना। सीएम योगी के इसी आदेश के बाद बवाल मचा हुआ है। 

 

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