आरिफ आम वाला, निसार फल वाले...आखिर क्यों टंगवाया पुलिस ने दुकानदारों के नाम, अखिलेश यादव ने पूछा- मंशा क्या है?
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी यह निर्देश राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर आ गया है। AIMIM चीफ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा को लेकर एक ऐसा फरमान जारी किया है। पुलिस के इस आदेश से सूबे की राजनीति गरमाने लगी है और विरोधी दलों ने इसका विरोध किया है। इतना ही नहीं, इस मामले को न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेने की मांग तक की गई है। दरअसल, 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। कांवड़ यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या न आए, इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिये हैं। मुजफ्फरनगर कांवड़ा यात्रा का सबसे अहम रूट है, इसलिए जिला पुलिस ने रूट पर पड़ने वाली सभी दुकानदारों को प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों के नाम लगाने का निर्देश जारी किया है।
आरिफ आम वाला, निसार फल वाला
मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी हुए निर्देश के बाद शहर की खाने-पीने और फल की दुकानें लगाने वाले दुकानदारों ने अपने-अपने नाम लिखकर टांग लिए हैं। साथ ही, ये दुकानदारों ने नाम के आगे ये भी लिखा है कि वह किस वस्तु की ब्रिकी कर रहा है। इस निर्देश का व्यापक स्तर पर असर देखने को मिला रहा है। शहर में ठेले पर फल या फिर अन्य खाने-पीने की चीजें बेचने वालों तक अपने नाम और वस्तुओं का पोस्टर लगा लिया है। इस आदेश पर जिला पुलिस का कहना है कि इससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन न हो। ऐसे में किसी ने अपने ठेले पर आरिफ आम वाला तो किसी ने निसार फल वाला की पर्ची लिखकर टांग ली है।
यात्रा की रूट का अहम जिला
मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट पड़ता है। यह इस यात्रा का महत्वपूर्ण जिला है, क्योंकि कांवड़िए हरिद्वार की हर की पौड़ी से गंगाजल लेकर मुजफ्फरनगर से होते हुए अपने-अपने जगहों की ओर रवाना होते हैं। यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसलिए जिला प्रशासन ने इस प्रकार का नया आदेश जारी किया है। इस बार कावड़ यात्रा में शहर की खानपान की दुकान होटल ढाबे, ठेले आदि जहां से भी कांवड़िए खाद्य सामग्री खरीद सकते हों, उन सभी को निर्देशित किया गया था कि वह अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वाले के नाम को जरूर लिखें।
SSP अभिषेक सिंह ने बताई आदेश की वजह
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा था कि हमारे जिले में 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है तो इसमें जितनी भी खाने-पीने की दुकानें हैं। चाहे वो होटल, ढाबे या ठेले हैं. जहां से भी कांवड़ियां अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं, उन सबको निर्देश दिए गए हैं कि अपने प्रोपराइटर या काम करने वालों के नाम जरूर लिखें, ताकि किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी भी कावड़िया के अंदर ना रहे और आरोप-प्रत्यारोप न हो, इसलिए ऐसा निर्देश दिया गया है और सब इसका सुरक्षा से पालन कर रहे हैं।
प्रशासन के निर्देश पर अखिलेश व औवैसी का तंज
मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी यह निर्देश राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर आ गया है। AIMIM चीफ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट तंज भरे लहजे में पूछा कि … और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?
उन्होंने आगे कहा कि माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा,ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम 'Judenboycott' था।