Muzaffarnagar News: होटल, ढाबों और ठेलों के बाद अब टायर पंचर की दुकानों पर भी लगे नेम प्लेट

Muzaffarnagar News: दुकान, ठेलों और ढाबों के बाद टायर पंचर की दुकानों पर भी नेम प्लेट लगने शुरू हो गए हैं। मुजफ्फरनगर में कई दुकानोंं पर पुलिस ने नेम प्लेट लगवाया।

Report :  Amit Kaliyan
Update: 2024-07-21 02:35 GMT

Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में दुकान, ठेलों और ढाबों के बाद अब पुलिस के द्वारा टायर पंचर की दुकान पर भी दुकान मालिक के नाम के नेम प्लेट लगवाए जा रहे हैं। दरसअल, इस बार कावड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा एक नया फ़रमान जारी किया गया था। जिसके तहत कावड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों ,ढाबों और ठेलों पर मालिक के नाम के पोस्टर लगाने जरूरी होंगे। प्रशासन के इस फरमान के बाद अब कावड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों, ठेलों और ढाबों पर नेम प्लेट लगने शुरू हो गए हैं।

टायर पंचर की दुकान पर भी लगे नेम प्लेट

मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फरमान पर जहां एक तरफ जमकर राजनीति हो रही है तो वही कुछ मुस्लिम सामाजिक संस्थाएं इसका जमकर विरोध कर रही हैं। इन सबके बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फ़रमान को पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिया है। लेकीन इस दौरान एक चौंकाने वाली बात उस समय सामने आई जब मुजफ्फरनगर जनपद के नगर में पड़ने वाली टायर पंचर की दुकान पर भी पुलिस के द्वारा दुकान मालिक के नाम के पोस्टर लगवाए जा रहे हैं। इस समय जनपद में यह घटना खासा चर्चा का विषय बनी हुई है।

पुलिस वालों के कहने पर लगाई नेम प्लेट

दरअसल, जिले के मेरठ रोड पर स्थित टायर पंचर की दुकान के मालिक मुन्ना से जब इस बाबत हमने बात की तो उन्होंने बताया कि यह नेम प्लेट इसलिए लगाई गई है क्योंकि दो पुलिस वाले कल और आज आए थे और कहने लगे कि इस पर अपना मोबाइल नंबर और नाम लिखकर यहां टंकी पर चिपका दो, हमारी टायर पंचर की दुकान है, हम खाने-पीने का सामान तो बेचते ही नहीं है। जब हमने उनसे ये बात कही तो उन्होंने कहा कि यह टायरों की दुकान है, वह सबको दिख रहा है। हम किसी का नाम नहीं पूछते चाहे कोई हिंदू आ जाए या मुस्लिम आ जाए हम तो सबके पंचर जोड़तें हैं। दुकान मालिक मुन्ना ने आगे कहा कि पुलिस वालों ने कहा तो हमने चिपका दिया।

जैसा सरकार कहती है, करना पड़ता है: सलीम

वहीं एक अन्य टायर पंचर की दुकान के मालिक सलीम का कहना है कि वे 25-26 साल से साइकिलों में पंचर लगाने का काम करता है। सलीम ने बताया कि पुलिस वाला आया, और कहने लगा कि यहां एक बोर्ड लगा लेना और फोन नंबर लिख लेना। सलीम ने आगे कहा कि हम तो मजदूर आदमी हैं, अपना काम कर रहे हैं, अब बोर्ड लगवा लो या कुछ भी लगवा लो हमें क्या। सलीम ने आगे बताया कि इससे उनके काम पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। जैसा गवर्नमेंट कहती है, ऐसे ही करना पड़ता है। हमें इससे कोई परेशानी नहीं है।

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