Muzaffarnagar News : राकेश टिकैत ने सरकार को दी चेतावनी, कहा - किसानों को रिहा किया जाए अन्यथा बड़ा आंदोलन होगा

Muzaffarnagar News : राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि 23 तारीख में होने वाली मीटिंग में गौतमबुद्ध नगर में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।

Report :  Amit Kaliyan
Update:2024-12-15 21:50 IST

Muzaffarnagar News : उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन को हवा देने के लिए आज पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसानों की राजधानी कहे जाने वाले सिसौली गांव में एक बड़ी मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें गौतम बुद्ध नगर से 12 संगठन के पदाधिकारियों सहित राकेश टिकैत और नरेश टिकैत ने भी हिस्सा लिया। इस मीटिंग में यह तय किया गया है कि 17 दिसंबर को सिसौली में होने वाली मासिक पंचायत का आयोजन अब 23 दिसम्बर को चौधरी चरण सिंह जी के जन्म दिवस पर किया जाएगा।

इस मीटिंग में राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि 23 तारीख में होने वाली मीटिंग में गौतमबुद्ध नगर में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर देश में एक बडा आंदोलन करने की जरूरत है। राकेश टिकैत ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को बहकाने का काम किया है। यहां अभी करीब 140 लोग जेल में बंद हैं। देश में किसान आंदोलन को दबाने का काम किया जा रहा है, उनके पास 23 दिसंबर तक का समय है। उन्होंने कहा कि जितने लोग जेल में बंद है, उनको रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि हम गौतम बुद्ध नगर में जाएंगे, यहां 23 दिसंबर को बड़ा निर्णय लेंगे।

उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा की बैठक में राष्ट्रीय स्तर के मामले उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज 10 महीने में संगठन का पहली बार मैसेज आया है कि आपस में बैठकर बातचीत करे।हमने बार-बार कहा है कि जो भी आंदोलनकारी संगठन हैं, उन सबको इकट्ठा बैठना पड़ेगा और दिल्ली की कॉल पूरे देश के किसानों को देनी पड़ेगी, लेकिन कब देनी पड़ेगी। 


उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को 17 तारीख हमारा कार्यक्रम होता था, अबकी बार मासिक पंचायत 23 दिसंबर को हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन है, जो भी निर्णय होंगे 23 तारीख को लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दे किसानों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि जो जिस जाति धर्म का है, वह उसे मानें। आप मस्जिद को मानते हैं तो आप मस्जिद को मानो और आप मंदिर को मानते हो तो मंदिर को मानो। उन्होंने संविधान ने हमें अपने धर्म को मानने का अधिकार दिया है। सभी अपने तरीके से पूजा पाठ कर रहे हैं।

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