Muzaffarnagar News: मदरसों को नोटिस मामलें में बोले राज्य मंत्री- इन मदरसों के खिलाफ नहीं होगी कार्यवाही
UP Madarsa Board: स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का आदेश है कि प्रदेश में शिक्षण का कार्य राष्ट्रीय शिक्षा निति के मुताबिक किया जाए। उन्होनें कहा कि जो गैर मान्यता प्राप्त स्कूल है उनको नोटिस दिए गए है ताकि वे अपनी मान्यता ले सके।
UP Madarsa News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित तकरीबन 13 मदरसों को शिक्षा विभाग के द्वारा नोटिस दिए गए थे जो अब विवादों के घेरें में दिखाई दे रहे है। नोटिस में कहा गया था कि अगर आपके विद्यालय / मदरसे की मान्यता है तो आप इससे संबंधित अभिलेख संबंधित कार्यालय में 3 दिन के अंदर उपलब्ध कराए अन्यथा आपके मदरसे को गैर मान्यता प्राप्त मानते हुए आर.टी.ई एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और ऐसे में अगर आपका मदरसा खुला हुआ पाया जाता है तो शासन द्वारा 10 हज़ार रूपये प्रतिदिन का जुर्माना वसूल किया जाएगा तथा आपके विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए सीनियर अधिकारी को सूचना दी जाएगी जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व आपका होगा।
इतने मदरसों के खिलाफ जारी हुआ है नोटिस
आपको बता दे कि जनपद के शिक्षा विभाग द्वारा जारी नोटिस उस समय विवादों में घिर गया जब जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहाँ कि देखिए खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया गया है और यह 13 अमान्य विद्यालयों के लिए है जो बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं एवं इसमें मदरसे शब्द का जिक्र जरूर किया गया है लेकिन नोटिस की भाषा में यह भी लिखा गया है कि अगर वह मदरसा है तो अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर दें तो यह नोटिस प्रभावित नहीं होगा लेकिन अगर अगर दस्तावेज नहीं है तो वह अमान्य रूप से विद्यालय चल रहे हैं तो इस संबंध में यह नोटिस जारी किया गया है।
उन्होनें कहा कि इस नोटिस में सभी मदरसा संचालकों से बात की जाएगी, अगर वह मदरसे हैं तो उन पर नोटिस प्रभावी नहीं होगा और अगर वह स्कूल है और जो मानक पूरे कर रहे हैं तो उनको प्रॉपर मान्यता के लिए कहा जाएगा। उन्होनें कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी ने अभी तक 13 विद्यालयों को नोटिस जारी किया है। हर ब्लॉक में यह अभियान चल रहा है कि जो गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय है उनको चिन्हित कर बंद कराया जाए और यहां पर किसी मदरसे के लिए ही नहीं है यह अमान्य विद्यालयों के लिए है।
वहीं इस मामले को लेकर जब जनपद की अल्पसंख्यक अधिकारी मैथिली रस्तोगी से बात की गई तो उनका साफ तौर पर कहना था कि कुछ मदरसों को नोटिस जारी किये गए। हालांकि ये आज ही मेरे संज्ञान में आया एवं ये नोटिस खंड शिक्षा अधिकारी पुरकाजी कार्यालय से निर्गत हुआ। दरअसल आपको बता दे कि प्राप्त नोटिस के चलते आज जमीयत ए उलेमा हिन्द के जिला सेक्रेटरी कारी जाकिर हुसैन कासमी के नेतृत्व में मदरसा संचालकों के एक डेलिगेशन भी जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी से मिला और एक ज्ञापन देकर इस मामले से उन्हें अवगत कराकर इस मामले में उचित कार्यवाही की मांग की।
इस मामले को लेकर स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का आदेश है कि प्रदेश में शिक्षण का कार्य राष्ट्रीय शिक्षा निति के मुताबिक किया जाए। उन्होनें कहा कि जो गैर मान्यता प्राप्त स्कूल है उनको नोटिस दिए गए है ताकि वे अपनी मान्यता ले सके। मंत्री ने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार का कोई पक्षपात नहीं है और जिनकी कोई मान्यता नहीं है चाहे वो मदरसे हो या स्कूल हो उन सब पर कार्यवाही होगी।