गाजियाबाद में भूमाफिया पर चला सिंचाई विभाग का बुलडोजर,करोड़ों की जमीन हुई मुक्त

सीएम योगी ने भू-माफियाओं पर सख्त एक्शन लिया है। अवैध जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए गाजियाबाद में जलशक्ति सिंचाई विभाग ने बड़ी कार्यवाही की है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-09-15 12:21 IST

नई दिल्ली : यूपी के गाजियाबाद में भू-माफियाओं से जमीन को मुक्त कराने के लिए सीएम का बुल्डोजर चला है। सीएम योगी ने भू-माफियाओं पर सख्त एक्शन लिया है। जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए गाजियाबाद में जलशक्ति सिंचाई विभाग ने बड़ी कार्यवाही की है। जिसके चलते 150 करोड़ रुपये की जमीन भूमाफियाओं के चंगुल से आजाद करा ली गई है।

सीएम योगी ने कड़ी कार्यवाही करते हुए भू-माफियो को जोर का झटका दिया है। अवैध निर्माण को लेकर प्रदेश की योगी सरकार बेहद सख्त रूख अपना रही है। जिसके चलते जलशक्ति-सिंचाई विभाग की 8.89 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया।

अतिक्रमणहटाओ अभियान

यहां के गाजियाबाद के मसूरी पुल के पास जलशक्ति सिंचाई विभाग के बुलन्दशहर खंड गंगा नहर खंड द्वारा अभियान चलाया गया। जिसके अंतर्गत कुल 8.89 एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत शीघ्र ही और बड़ी कार्यवाहियां की जाएगी।

इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजधानी दिल्ली (Delhi) में सिंचाई विभाग की करोड़ों की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया था। सीएम योगी और जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह के निर्देशों पर दिल्ली की मदनपुर खादर में सिंचाई विभाग के हेडवक्र्स खण्ड आगरा नहर ओखला द्वारा अभियान चलाकर 5.21 एकड़ जमीन से रोहिंग्या कैम्पों का अतिक्रमण हटाया गया था। 

इस बारे में सिंचाई विभाग ओखला संगठन के अधिशासी अभियन्ता वीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मदनपुर खादर में सिंचाई विभाग की भूमि पर रोहिंग्या कैम्पों (Rohingya Camp) को हटाया गया। साथ ही कई अवैध निर्माण जो किए गए थे, उन्हें भी विस्थापित किया गया।

दरअसल बीते साल प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने सिंचाई विभाग की भूमि एवं परिसम्पत्तियों से अवैध कब्जा हटाने के लिए जिलाधिकारी लखनऊ की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टास्क फोर्स गठित की थी। जिसके तहत 15 मार्च से अवैध कब्जा मुक्त अभियान चलाने को कहा गया था।

उस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि होली से पहले अवैध कब्जा की गयी जमीनों को चिन्हित करते हुए उन पर बोर्ड लगाया जाये, इसके साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध कब्जादारों की सूची तैयार की जाये और मीडिया में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाये।

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