Ghazipur Border: कुत्ते के गले में बंध कर आये सरकारी लेटर से नहीं खत्म होगा किसान आंदोलन, बोले राकेश टिकैत

Ghazipur Border: किसान नेता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक खत्म होने के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर कहा कि सरकार से हमें लेटर मिला है, लेकिन वह लेटर ऐसा है, जैसे कुत्ते के गले में बांधकर लेटर भेजा हो।

Newstrack :  Bobby Goswami
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-12-07 15:17 GMT

Ghazipur Border: किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (Sanyukt Kisan Morcha meeting) खत्म होने के बाद गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर कहा कि सरकार से हमें लेटर मिला है, लेकिन वह लेटर ऐसा है, जैसे कुत्ते के गले में बांधकर लेटर भेजा हो। आइए जानते हैं उन्होंने ऐसा क्यों कहा।

वापसी का सवाल नहीं

किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार से जो लेटर मिला है, उसे हमने रिसीव तो किया है। लेकिन हमारे कुछ सवाल हैं, जो हम सरकार से पूछेंगे। हम अपमान का घूंट पीकर वापस नहीं जाएंगे। हमारे कुछ बिंदु हैं। इन पर सरकार को हमें जवाब देना है। बुधवार को दोबारा से संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (Sanyukt Kisan Morcha meeting) होगी। उन्होंने कहा कि अभी आंदोलन (Kisan Andolan) खत्म नहीं हो रहा है। आंदोलन खत्म होने का सवाल मत पूछिए। एमएसपी (MSP) पर सभी बातें स्पष्ट नहीं हुई है। बुधवार को 2:00 बजे चर्चा होगी। जिसके बाद आगे की रणनीति भी तय होगी।

राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने कहा कि बैठकर बातचीत होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि सरकार हमारे सामने बैठ कर बात करें। हमारे कई पॉइंट है, जो अभी भी छूट रहे हैं। आंदोलन खत्म होने की तरफ अभी जाता हुआ नहीं दिख रहा है। लेकिन पहले के मुकाबले बातचीत आगे जरूर बढ़ी है। इस बात से मैं इनकार नहीं कर रहा हूं। राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (Sanyukt Kisan Morcha meeting) में मैं शामिल नहीं हुआ। लेकिन बुधवार को बैठक में शामिल रहूंगा। आज राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) उत्तराखंड गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने बयान दिया। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (Sanyukt Kisan Morcha meeting) भी खत्म हो चुकी थी।

उन्होंने कहा कि चिट्ठी पर हम विश्वास नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिट्ठी ऐसे आई है, जैसे कुत्ते के गले में बांधकर चिट्ठी भेजी हो। अगर हम आंदोलन खत्म करेंगे तो यहां से ट्रैक्टर जाते हुए भी करीब 8 दिन का वक्त लग जाएगा। हम सभी मांगें पूरी हुए बगैर अगर वापस चले गए तो किसान वापस दिल्ली नहीं आ पाएगा। इसलिए हमें सरकार से स्पष्ट जवाब चाहिए।

आंदोलन वापसी की कोई बातचीत नहीं

राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने कहा कि आंदोलन (kisan Andolan) वापसी का अभी कोई सवाल खड़ा नहीं हो रहा है। इसलिए बार-बार मुझसे आंदोलन वापसी का सवाल ना पूछा जाए। आंदोलन वापसी तभी होगा जब सभी बातें सरकार के सामने बैठकर क्लियर हो जाएंगी।

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