Independence Day Special: 17 गोलियां मारकर भी दुश्मन नहीं हिला पाए जांबाज योगेंद्र का हौसला

जब भी जांबाज योगेंद्र यादव की बात होती है तो 5 रुपये के सिक्के का जिक्र जरूर आता है।

Report :  Bobby Goswami
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-08-13 16:13 IST

सुबेदार मेजर योगेंद्र यादव की फाइल तस्वीर

Independence Day Special: ये कहानी उस जांबाज सिपाही की है, जिसने देश की रक्षा के लिए शादी के महज़ 20 दिन बाद ही जंग के मैदान में पहुंचकर दुश्मन को धूल चटाया। युद्ध में इस सिपाही ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए अपने शरीर पर 17 गोलियां भी खाईं। तभी इस सिपाही को सिर्फ 19 साल की उम्र में परमवीर चक्र से नवाजा गया। शौर्य और वीरता की यह गाथा कारगिल युद्ध में दुश्मन को खदेड़ देने वाले तत्कालीन सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव की है।

जब भी जांबाज योगेंद्र यादव की बात होती है तो 5 रुपये के सिक्के का जिक्र जरूर आता है। क्योंकि 17 में से एक गोली योगेंद्र यादव के सीने को चीर देती। मगर जेब में रखे हुए 5 रुपये के सिक्के ने गोली को सीने के भीतर तक नहीं पहुंचने दिया, जिससे उनकी जान बच गई। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी योगेंद्र यादव की सराहना करते हैं।


गाजियाबाद में रहने वाले योगेंद्र के परिवार में भी देशभक्ति का यही जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। योगेंद्र की पत्नी बताती हैं कि शादी के महज 20 दिनों बाद योगेंद्र कारगिल युद्ध के जंग के मैदान में चले गए, और परिवार को बताया तक नहीं।


बाद में जब खबर आई कि योगेंद्र को 17 गोलियां लगी हैं, तो परिवार दहशत से भर गया। नई नवेली दुल्हन का रो रो कर बुरा हाल हो गया था। मरणोपरांत मिलने वाले परमवीर चक्र की घोषणा भी योगेंद्र यादव के लिए कर दी गई। बाद में पता चला कि योगेंद्र को जो 17 गोलियां लगी हैं। उनमें से जो गोली सीने पर लगी थी। वह सीने तक नहीं पहुंच पाई। बाकी गोलियां डॉक्टरों ने निकाल ली। इसके बाद उन्हें जीवनदान मिला।


योगेंद्र की पत्नी ने बताया कि वह जिस समय जंग के मैदान में थे, उस समय उनकी जेब में 5 रुपये का एक सिक्का था। इसलिए जो गोली सीने पर आकर लगी वह असल में सीने पर नहीं लग पाई। बल्कि 5 रुपये के सिक्के पर लगी। जिससे वह सीने को छलनी नहीं कर पाई। वह पल याद करके आज भी उनका परिवार सिहर उठता है। मगर योगेंद्र के शौर्य और वीरता को याद करके गर्व से उनका सिर ऊंचा हो जाता है। योगेंद्र यादव के दो बेटे हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं और दोनों बेटे सेना में जाना चाहते हैं। जब उनके बेटे से बात की गई तो बेटे ने कहा कि पापा के शौर्य और वीरता के बारे में जानकर हमेशा गर्व होता है।


बता दें कि कछ साल पहले योगेंद्र यादव को अमिताभ बच्चन ने अपने शो में इनवाइट किया था। जहां पर उनकी बहादुरी के खूब चर्चे हुए। अमिताभ बच्चन ने योगेंद्र यादव की जमकर तारीफ की। सिक्के वाली कहानी पर भी चर्चा हुई थी। अमिताभ बच्चन की एक सुपरहिट फिल्म में जब उन्हें गोली लगती है, तो उनका बिल्ला उनकी जान बचा लेता है। क्योंकि गोली बिल्ले पर लगती है। इसी तरह से योगेंद्र यादव के साथ असल जिंदगी में हुआ।


गोली सिक्के पर लगी और जान बच गई। योगेंद्र की जांबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि किस तरह से गोलियों से छलनी शरीर को लेकर योगेंद्र यादव ने दुश्मन को वापस खदेड़ा। कारगिल युद्ध में हमारे सेना के जवानों का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। आज इन्हीं जांबाजों की वजह से हमारे देश का सिर दुनियाभर में ऊंचा है। फ़िलहाल योगेंद्र की पोस्टिंग बरेली में है। और स्वतंत्रता दिवस पर उनको पदोन्नति मिलने वाली है। ऐसे जांबाज को हम भी सलाम करते हैं।

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