900 ग्राम पंचायतों में करीब 43 हजार मजदूरों को मनरेगा में दिया गया काम

मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज मे से तकरीवन 2 लाख करोड़ रुपये छोटे और कमजोर तबके के लोगो को फौरी सहायता के रूप मे उपलब्ध कराये है। इसी मे शामिल है मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रूपये का आवंटन।

Update: 2020-05-18 11:40 GMT

लखनऊ: मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज मे से तकरीवन 2 लाख करोड़ रुपये छोटे और कमजोर तबके के लोगों को फौरी सहायता के रूप मे उपलब्ध कराये है। इसी मे शामिल है मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रूपये का आवंटन।

सरकार का यह एक बहुत बड़ा प्रयास है जिससे जहां एक ओर लोगो को काम मिलेगा वही दूसरी ओर स्थानीय बाजार मे माँग उत्पन्न होगी जिससे बाजार को गति मिलेगी।

उत्तर प्रदेश मे मनरेगा मे काम शुरू भी हो गया है। आज हम चर्चा करेगे बाराबंकी जिले की जहा पर मनरेगा के तहत लुप्त हो चुकी कल्याणी नदी का पुनरूद्दार का कार्य चल रहा है।

राजधानी लखनऊ से सटे जनपद बाराबंकी में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी कल्याणी नदी का जीर्णोद्धार प्रवासी मजदूरों द्वारा मनरेगा के माध्यम से शुरू किया गया है।

 

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प्रवासी श्रमिकों को जीवनयापन के लिए रोजगार

इस कोरोना के संकट में जंहा एक तरफ विलुप्त नदी को अपना अस्तित्व मिलेंगा तो वंही दूसरी तरफ लॉक डाउन के चलते प्रवासी श्रमिकों को जीवनयापन के लिए रोजगार प्राप्त हुआ।

किसानों के लिए जीवनदायिनी रही कल्याणी नदी दशकों पहले सूख गई थी और नदी के तटों को लोग कब्जा करते गए जिससे नदी कब विलुप्त हो गई, पता ही नहीं चला।

प्रदेश की योगी सरकार अन्य राज्यों से यूपी लौटने वाले कामगारों और श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

श्रमिकों को उनके जिले में ही दिया जा रहा काम

लॉकडाउन के कारण बाहरी राज्यों से रोजगार गवां कर घर वापस आ रहे लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार बड़ी राहत दे रही हैl जिस वक्त प्रवासी श्रमिकों को लग रहा था कि घर पहुंच कर वे बेरोजगार हो जाएंगे।

उस वक्त सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा को रोजगार का सबसे बड़ा हथियार बना दिया। इस योजना से न केवल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिला है, बल्कि प्रदेश के गांवों की तस्वीर भी बदल रही है।

बाराबंकी जिले में भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मनरेगा कार्य को शुरू कर दिया गया है। इससे श्रमिकों को अब रोजगार मिलने लगा है। गांवों की साफ-सफाई से लेकर सड़क, नहर, पौधारोपण और छोटी-छोटी नदियों और तालाबों को पुर्नजीवित करने के कामों में तेजी आई है।

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43 हजार मजदूरों को मनरेगा के तहत दिया गया काम

जिले के 900 ग्राम पंचायतों में करीब 43 हजार मजदूरों को अभी मनरेगा योजना तहत काम दिया गया है। लगातार जिला प्रशासन अधिक से अधिक मजदूरों को मनरेगा योजना के कार्यो में जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के प्रयास में जुटी है।

इस संबंध में उपायुक्त मनरेगा नरेंद्र देव ने बताया कि जिले में 173 किलो मीटर की दूरी तक फैली कल्याणी नदी बीच बीच में सुख गई थी और इसके तट बंधो पर ग्रामीण लगातार कब्जा कर रहे थे।

जिससे नदी विलुप्त हो रही थी इसके पुनरुद्धार के लिए मनरेगा योजना के माध्यम से करीब 29 हजार श्रमिकों द्वारा 59 लाख की कार्य योजना तैयार कर कल्याणी नदी को पूर्व की भांति विकसित किया जा रहा है।

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