शामली: टीकाकरण करने वाला NGO कर रहा वसूली, स्वास्थ्य विभाग को भनक नहीं

एक ओर जहां कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर जहां पूरे देश में राजनीतिक दलों में हलचल बनी हुई है और कई राजनैतिक लोग इसका विरोध कर रहे है वहीं दूसरी ओर जनपद शामली में हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगाने पर बवाल देखने को मिला है जहां पर एक एनजीओ द्वारा हेपेटाइटिस बी की लगाई जा रही वैक्सीन का लोगों ने विरोध किया और जमकर हंगामा किया।

Update:2021-01-03 23:07 IST
वैक्सीन पर बवाल

शामली: एक ओर जहां कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर जहां पूरे देश में राजनीतिक दलों में हलचल बनी हुई है और कई राजनैतिक लोग इसका विरोध कर रहे है वहीं दूसरी ओर जनपद शामली में हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगाने पर बवाल देखने को मिला है जहां पर एक एनजीओ द्वारा हेपेटाइटिस बी की लगाई जा रही वैक्सीन का लोगों ने विरोध किया और जमकर हंगामा किया।

शामली में एक एनजीओ द्वारा हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण किया जा रहा है और लोगों से उसकी एवज में रूपयों की वसूली की जा रही है और शामली का स्वास्थ्य विभाग अपने कुंभकर्ण की नींद सोया हुआ है। 2 घंटे तक लगातार हंगामे के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन वह भी एनजीओ के लोगों को टीकाकरण करने से नहीं रोक पाई और एनजीओ की टीम स्वास्थ्य विभाग के सामने ही टीकाकरण करती और पैसे लेती हुई नजर आई।

टीकाकरण की एवज में वसूल रहे 60 रुपए

दरअसल, आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली के थाना आदर्श मंडी क्षेत्र के मोहल्ला जाट कॉलोनी का है जहां पर कुछ व्यक्ति कर्तव्य राज सेवा संस्थान एनजीओ के नाम से हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण कर रहे थे और टीकाकरण करने की एवज में प्रति व्यक्ति ₹60 उनसे लिए जा रहे थे लेकिन लोगों का आरोप है कि एनजीओ द्वारा टिका लगाए जाने की एवज में ₹60 लेना कतई सही नहीं है। एनजीओ द्वारा टीकाकरण करने और पैसे लेने की पर स्वास्थ्य विभाग को दी गई तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक टीम जांच करने के लिए भेजी गयी लेकिन एनजीओ के लोग स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने भी टीका लगाते हुए नजर आए।

टीकाकरण करने के नाम पर लोगों से पैसे लेने वाले एनजीओ की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से करने वाले गौरव शर्मा का आरोप है कि उक्त लोगों ने एक महीना पहले भी यहां पर टीकाकरण किया था और पूरे मोहल्ले के लोगों से टीका करने की एवज में ₹60 वसूले गए थे और जब उन सीएमओ शामली से टीकाकरण के नाम पर पैसे लेने के मामले में पूछा गया तो उन्होंने फोन पर कहा कि उनके द्वारा किसी एनजीओ को टीकाकरण करने की कोई परमिशन नहीं दी गई है और ना ही कोई एनजीओ टीकाकरण के नाम पर इस तरीके से पैसे ले सकता है।

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स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं

एक एनजीओ द्वारा एक मोहल्ले में जाकर लगातार टीकाकरण किया जाता है और लोगों से टीकाकरण करने की एवज में पैसे भी लिए जाते हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगती है और वह अपनी कुंभकरणी की नींद सोया हुआ है। शिकायत करने के बाद आज भी स्वास्थ्य विभाग की टीम करीब 2 घंटे बाद पहुंची लेकिन उस पर भी एक सवालिया निशान खड़ा हो गया क्योंकि जब मोहल्ले वासियों ने सीएमओ शामली से पूरे प्रकरण की शिकायत की और जानकारी ली कि क्या उनके विभाग द्वारा एनजीओ को टीकाकरण करने की परमिशन दी गई है तो सीएमओ साहब ने एनजीओ को परमिशन देने और टीकाकरण करने की बात को सिरे से नकार दिया लेकिन वहीं दूसरी ओर एनजीओ के लोगों के पास एक लेटर मौजूद है।

लेटर में पैसों को लेकर कही गई ये बात

जिसमें साफ-साफ लिखा गया है कि एनजीओ द्वारा निर्धारित ₹60 की कीमत से अधिक नहीं लिया जा सकता अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कौन सच्चा है और कौन झूठा लेकिन एक बात तो तय है कि अधिकारियों की हीला हवाली के चलते बेचारा आम आदमी अपने पैसे तो गवाही रहा है लेकिन साथ ही उसको एक अगले पल का भी भरोसा नहीं है क्योंकि जिस एनजीओ को टीकाकरण करने की परमिशन ही नहीं दी गई है वह किस दवा का और किस तरीके से टीकाकरण करती है इस बात का किसी को नहीं पता लिहाजा स्वास्थ्य विभाग की कुंभकरण की नींद के चलते लोगों का जीवन चाकू की नोक पर है जो कभी भी उनकी जिंदगी लील सकता है।

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शिकायत के बाद पहुंचे स्वास्थ्य विभाग

एनजीओ के टीकाकरण करने की शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग की टीम के डॉक्टर सुमित कुमार ने बताया कि यह पैसे तो है एनजीओ ले रही है जैसा भी एनजीओ के हिसाब से लिया जा रहा है और उसमें सीएमओ साहब ने परमिशन दी है वह लिखित में है कि ₹60 निर्धारित कर रखे हैं और विकलांग के लिए फ्री है यह सब चीजों के लिए लिखा हुआ है लिखित में सबकी जी ऐसा नहीं है कि कोई जबरन है जिसका मन है लगवा सकता है जिसका मन नहीं है नहीं लगवा सकता और वह सारे लोग अपने पूरे कर रहे हैं।

इंजेक्शन के लिए हर चीज का वह नॉर्म्स के साथ पूरा कर रहे हैं एनजीओ द्वारा ₹60 लेने की बात पर डॉ सुमित कुमार ने बताया कि इसमें तो अब ₹60 तो आप का नहीं मन है तो क्यों लगवा दोगे आपका मन नहीं है तो मत लगवा मना कर दो क्योंकि यह एनजीओ के तहत चल रहा है ना कि गवर्नमेंट के तहत एक एनजीओ द्वारा परमिशन ली गई है कि हम ऐसे टीकाकरण कर रहे हैं यह लोग पढ़े लिखे हुए हैं गाइडेड है अपने नॉर्म्स के साथ काम कर रहे हैं।

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नहीं थी टीकाकरण की कोई परमिशन

लोगों के सीएमओ शामली को फोन करने के बाद इस बात को बताना कि एनजीओ को टीकाकरण करने की कोई परमिशन नहीं दी गई है और दूसरी ओर एनजीओ के लोगों द्वारा सीएमओ कार्यालय से जारी हुआ परमिशन लेटर दिखाना एक बात की ओर साफ इशारा करता है कि एनजीओ के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम कि कहीं ना कहीं मिलीभगत जरूर है और उसी के दम पर वह धड़ल्ले से लोगों को टीका लगा रहे हैं और टीकाकरण की एवज में अवैध वसूली कर रहे हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर जांच के बाद किन लोगों पर और क्या कार्यवाही अमल में लाई जाती है।

पंकज प्रजापति

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