Sonbhadra News: हाइवे पर टोल प्लाजा की वसूली पर लगाई जाए रोक, एनजीटी में याचिका दाखिल, प्रमुख सचिव से मांगा जवाब

Sonbhadra News: अधिवक्ता आशीष चौबे की तरफ से लोढ़ी टोल प्लाजा को लेकर मुख्य याचिका सितंबर 2022 में दाखिल की गई थी, जिस पर एनजीटी की मुख्य बेंच ने संयुक्त समिति गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।

Update:2023-04-22 01:57 IST
NGT (Photo-Social Media)

Sonbhadra News: वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर लोढ़ी में टोल प्लाजा स्थापित कर की जा रही वाहनों से वसूली पर रोक लगाने की मांग करते हुए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में याचिका दाखिल की गई है। साथ ही लोढ़ी में स्थापित एसीपी टोलवेज लिमिटेड के टोल प्लाजा, कार्यालय और आवास को यहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। एनजीटी के निर्देश पर पूर्व में संयुक्त समिति द्वारा की गई जांच और जांच के दौरान लोढ़ी टोल प्लाजा, कार्यालय और भवन का निर्माण इको सेंसिटिव जोन में किए जाने की पुष्टि के बाद यह मांग उठाई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनजीटी की मुख्य बेंच ने सचिव, एमओईएफएंडसीसी, प्रमुख सचिव यूपी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य से इस मसले पर जवाब तलब कर लिया है। साथ ही इसको लेकर जारी किए जाने वाले निर्देश और की जाने वाली कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी गई है।

इको सेंसटिव जोन में निर्माण की पुष्टि के बाद उठाई गई मांग

बताते चलें कि अधिवक्ता आशीष चौबे की तरफ से लोढ़ी टोल प्लाजा को लेकर मुख्य याचिका सितंबर 2022 में दाखिल की गई थी, जिस पर एनजीटी की मुख्य बेंच ने संयुक्त समिति गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। मामले में 18 जनवरी को एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल की गई, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि लोढ़ी टोल प्लाजा और उससे जुड़े भवन-कार्यालय का निर्माण जहां स्वीकृति ले-आउट से इतर जाकर किया गया था। वहीं अनुमति वाली जगह पर निर्माण न करें, उसका निर्माण इको सेंसिटिव जोन वाली एरिया में कर दिया गया है।

आरक्षित वन क्षेत्र के प्रावधानों और पर्यावरण मानदंडों का हो रहा उल्लंघन

मुख्य याचिका के क्रम में टोल प्लाजा वसूली पर रोक लगाने और टोल प्लाजा को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका में कहा गया है कि ईको सेंसिटिव जोन में रिहायशी कॉलोनी और स्थायी प्रकृति के कार्यालय स्थापित किए जाने से जहां आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि पर निर्माण निषिद्ध होने के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। वहीं पर्यावरण मानदंड के शर्तों के भी उल्लंघन की स्थिति बनी हुई है। सुनवाई कर रही बेंच ने मामले को गंभीर मानते हुए, सचिव, एमओईएफएंडसीसी और मुख्य सचिव यूपी को इसको लेकर सूचना प्रस्तुत करने, उचित निर्देश जारी करने और दाखिल की गई याचिका का जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश देने के साथ ही, मामले में सभी आठ पक्षकारों को नोटिस जारी की गई है और सभी पक्षकारों से एक माह के भीतर इस मसले पर एनजीटी में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

मामले को लेकर एक और याचिका दाखिल

वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर महज सोनभद्र की एरिया में कई जगह निर्माण कार्य अधूरा होने और एसीपी टोलवेज की तरफ से साल दर साल टोल टैक्स दर की वसूली बढ़ाने, वसूली के करार को लेकर तय की गई शर्तों का पालन न करने के मसले पर एनजीटी में शुक्रवार को एक याचिका और दायर की गई।

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