इस शहर के मंदिरों में अब रेपिस्टों को नहीं मिलेगा प्रवेश, यहां जानें क्यों?
निर्भया कांड, उन्नाव और हैदराबाद की घटनाओं को देखते हुए पूरे देश में गुस्से का माहौल है। धर्म की नगरी काशी में अब बलात्कारियों के लिए देवी मंदिरों के द्वार बन्द हो गये हैं। एक सामाजिक संस्था ने इसके लिए मुहिम शुरू की है।
वाराणसी: निर्भया कांड, उन्नाव और हैदराबाद की घटनाओं को देखते हुए पूरे देश में गुस्से का माहौल है। धर्म की नगरी काशी में अब बलात्कारियों के लिए देवी मंदिरों के द्वार बन्द हो गये हैं। एक सामाजिक संस्था ने इसके लिए मुहिम शुरू की है।
इसके तहत बुधवार को वाराणसी के कालिका गली स्थित कालरात्रि मंदिर में दुराचारियों के साथ ही बेटियों का सम्मान न करने वाले और बेटियों के जन्म पर दुखी होने वालों के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लग गया है।
इसके लिए बाकायदा मंदिर के मुख्य द्वार के साथ ही गर्भगृह सहित अन्य जगहों पर पोस्टर भी चस्पा किये गए है, जिसमें बेटियों का सम्मान न करने वालों, बेटियों के जन्म पर दुखी होने वाले और दुराचारियों का मंदिर में प्रवेश निषेध बताया गया है।
ये भी पढ़ें...वाराणसी: डॉ. फिरोज खान के इस्तीफे के बाद बीएचयू में छात्रों का धरना समाप्त
ताकि बचाई जा सके बेटियां
इसके साथ ही पोस्टर पर निवेदक के तौर पर 2 दशकों से बेटियों के जन्म,सुरक्षा और अधिकार की लड़ाई लड़ रही सामाजिक संस्था आगमन और मंदिर के महंथ नारायण तिवारी का नाम लिखा है।
आगमन सामाजिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ संतोष ओझा ने बताया कि संस्था ने आज कालरात्रि मन्दिर में पोस्टर लगाकर दुराचारियों और बेटियों के जन्म से दुखी होने वाले लोगों को मन्दिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की इस मुहिम की शुरुआत की है।
शहर के अन्य देवी मंदिरों पर भी ऐसे पोस्टर लगाकर बनारस के सभी मंदिरों में ऐसे लोगो के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का अभियान चलाया जायेगा। मंदिर के महंथ ।नारायण तिवारी ने बताया कि जो समाज मे महिलाओं का सम्मान नही करते और महिलाओं के साथ दुराचार करते है उनको देवी दर्शन करने का अधिकार नही है।
ये भी पढ़ें...वाराणसी में बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला, इंस्पेक्टर समेत 3 जख्मी