नीता अंबानी ने बीएचयू के दावे को किया खारिज, प्रोफेसर बनने पर नहीं हुई कोई बात
मामले ने तूल पकड़ा तो बीएचयू प्रशासन ने भी पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। बीएचयू ने एक प्रेस रिलीज जारी कर नीता अम्बानी को किसी तरह के प्रस्ताव भेजने से साफ इंकार किया है।
वाराणसी। दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शुमार और रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को बीएचयू द्वारा प्रोफ़ेसर के तौर पर आमंत्रित करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। नीता अंबानी के कार्यालय की तरफ से BHU के दावे को गलत बताया गया है। कार्यालय की तरफ से कहा गया कि, BHU की तरफ से पढ़ाने का कोई आमंत्रण नहीं मिला है।
बीएचयू प्रशासन ने भी झाड़ा पल्ला
मामले ने तूल पकड़ा तो बीएचयू प्रशासन ने भी पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। बीएचयू ने एक प्रेस रिलीज जारी कर नीता अम्बानी को किसी तरह के प्रस्ताव भेजनें से साफ इंकार किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दावा करते हुए कहा कि "श्रीमती नीता अंबानी को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के संबंध में प्रकाशित मीडिया ख़बरें बेबुनियाद हैं।
विश्व विद्यालय प्रशासन का कहना है कि "श्रीमती नीता अंबानी को विश्वविद्यालय के किसी भी संकाय/विभाग/केन्द्र में विज़िटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने या शिक्षण की कोई भी ज़िम्मेदारी देने संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है।
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ज्ञातव्य है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद् की मंज़ूरी आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंज़ूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हुआ है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस विषय पर इस प्रेस विज्ञप्ति से पूर्व कोई भी आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है।"
प्रोफेसर कौशल किशोर अपनी बात पर अड़े
दूसरी ओर सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा अपनी बात पर अड़े हैं। उनका खाना है कि विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के बाबत नीता अम्बानी के दफ्तर से सम्पर्क किया गया था। ई मेल के जरिए नीता अम्बानी से सहमति माँगी गई थी। उनका ये बयान सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा है। BHU प्रशासन ने दावा किया था कि, हम स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण से संबंधित शैक्षणिक और शोध कार्य करते हैं। परोपकारी उद्योगपतियों को शामिल करने की BHU परंपरा के तहत ही हमने रिलायंस को पत्र भेजा था। रिलायंस फाउंडेशन ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काफी काम किया है, ऐसे में हम नीता अंबानी के अनुभवों का फायदा ले सकते हैं।
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छात्रों ने खोला था मोर्चा
BHU प्रशासन के दावे के बाद नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफ़ेसर बनाने पर छात्रों के एक समूह ने इसका कड़ा विरोध जताया था। इसको लेकर करीब 40 छात्रों ने कुलपति राकेश भटनागर के आवास के बाहर न सिर्फ प्रदर्शन किया बल्कि ज्ञापन भी सौंपा था।अब इस विवाद के बीच नीता अंबानी के कार्यालय की तरफ से BHU के दावे को गलत बताया गया है।
रिपोर्ट-आशुतोष सिंह, वाराणसी
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