DLF को ऐसा करना पड़ा भारी, सिक्यूरटी मनी के 4 करोड़ जब्त

कंपनी ने यह टेंडर उस समय बेस प्राइज 45 लाख रुपये प्रति माह से 30 लाख अधिक पर हासिल किया था। लेकिन 2 वर्ष बी पार्किंग का संचालन नहीं कर सकी।

Update:2020-07-25 21:26 IST

नोएडा: समय से पहले सेक्टर-18 बहुमंजिला पार्किंग संचालन छोड़ने पर डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया पर नोएडा प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है। सिक्योरिटी मनी के रुप में कंपनी का जमा चार करोड़ रुपया जब्त कर लिया गया है। टेंडर नियमशर्तो के अनुसार तीन माह का किराया जीएसटी सहित करीब तीन करोड़ रुपये मांगा गया है। यही नहीं कंपनी से जल्द जल-सीवर समेत बिजली निगम की नो ड्यूज सार्टिफिकेट (एनडीसी) देने को कहा गया है। हालाकि डीएफएफ प्रबंधन का कहना है कि हमने प्राधिकरण को पार्किंग सरेंडर कर दी है।

फरवरी 2018 मिली थी डीएलएफ को ने ली थी अनुमति

बता दें कि डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया को नोएडा प्राधिकरण ने एक फरवरी 2018 को सेक्टर-18 सात वर्ष के लिए बहुमंजिला पार्किंग संचालन के लिए टेंडर अनुमति प्रदान की थी। कंपनी ने यह टेंडर उस समय बेस प्राइज 45 लाख रुपये प्रति माह से 30 लाख अधिक पर हासिल किया था। लेकिन कंपनी दो वर्ष भी ठीक से पार्किंग का संचालन नहीं कर सकी। तीन फरवरी को कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण में पार्किंग सरेंडर करने का आवेदन कर दिया।

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हालांकि कंपनी को पार्किंग संचालन करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने आग्रह किया था। लेकिन कंपनी ने संचालन करने से मना कर दिया। इसके बाद कंपनी के टेंडर को लेकर लेखा विधि विभाग फाइल भेज दी गई थी। जिसमें कंपनी के टेंडर नियम शर्तो को लेकर हिसाब किताब लगाया जा रहा था। 15 जुलाई को यह फाइल वर्क सर्किल दो के कार्यालय भेज दी गई है। जिसमें डीएफएल मॉल ऑफ इंडिया से क्या-क्या लिया जाना है, विस्तार से अंकित किया गया है।

छोड़ना होगा 2.5 करोड़ का सामान

डीएलएफ ने प्राधिकरण को बताया है कि पार्किंग संचालन के दौरान बूम बैरियर और वाहन स्कैनर खुद लगवाया गया है। इस पर कंपनी का 2.5 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इसको एडजस्ट किया जाए। लेकिन प्राधिकरण ने हवाला दिया है कि नियमशर्त में अंकित है कि जिस समय आप पार्किंग छोड़ेंगे, जो भी आप ने उसमें लगाया होगा, उसे वहीं छोड़ना होगा। यह प्राधिकरण की संपत्ति होगी। कंपनी लॉकडाउन का किराया नहीं देना चाहती है, इसलिए प्राधिकरण से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान करीब 50 दिन का किराया नहीं लिया जाए।

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सिर्फ 35 से 4० दिन का किराया दिया जा सकता है, प्राधिकरण यह छोड़ना भी चाहती है, इस पर विचार विशर्म भी हो रहा है। लेकिन नियम आड़े आ रहा है। क्योंकि कंपनी 3 फरवरी को पार्किंग सरेंडर कर चुकी है। उस समय लॉकडाउन नहीं लगा था। ऐसे में कंपनी का 2 मई तक का किराया चुकाना होगा। नोएडा प्राधिकरण वर्क सर्किल दो के वरिष्ठ प्रबंधक राहुल शर्मा ने कहा कंपनी की समय सीमा दो मई समाप्त हो चुकी है। कंपनी का पूरा हिसाब किताब बनकर आ चुका है। तीन माह का किराया चुकाना होगा, सिक्योरिटी मनी जब्त होगी।

रिपोर्ट- दीपांकर जैन

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