नदियों की तरफ पुश्तों को पुर्नस्थापित कर विस्तार करेगा नोएडा, ये है बड़ी वजह

प्राधिकरण अपने क्षेत्र को और ज्यादा विस्तारित करने जा रहा है। सिचाईं विभाग के साथ मिलकर अलग-अलग पुश्तों को दोबारा से पुर्नस्थापित किया जाएगा।

Update: 2021-01-12 17:51 GMT
अवैध निर्माण सबसे बड़ी बाधा

नोएडा: प्राधिकरण अपने क्षेत्र को और ज्यादा विस्तारित करने जा रहा है। सिचाईं विभाग के साथ मिलकर अलग-अलग पुश्तों को दोबारा से पुर्नस्थापित किया जाएगा। इनका पुर्नस्थापन नदी की और किया जाएगा। जिससे प्राधिकरण को जमीन मिलेगी। इसमे फ्लड जोन का ध्यान रखा जाएगा। हालांकि यहा फ्लड जोन में जमकर अवैध निर्माण व कालोनाइजरों का कब्जा है। जिसे हटाने के बाद ही प्राधिकरण की दो योजना पहली रिवर फ्रंट कारिडोर व दूसरी अतर्क्ति भूमि अर्जन या पुश्तों का पुर्नस्थापन कर सकेगा।

चारों तरफ से घेरे है ये नदियां

नोएडा यमुना व हिंडन नदी के किनारों पर बसा है। यमुना नोएडा के एक दर्जन से ज्यादा विकसित या विकसित किए जा रहे है सेक्टरों के किनारों से होकर निकलती है। नदी सेक्टर-94,124,125,127,128,131,133,134,,135,168 के अलावा 15० से होकर निकलती है। इसी तरह हिंडन नदी छिजारसी से प्रवेश करते हुए सेक्टर-63ए, बेहलोलपुर, सेक्टर-123,118,115,143,143ए,148,15०, मोमनाथल के पास यमुना में मिलती है। यह दोनों ही नदियां नोएडा को चारों तरफ से घेरे हुई है। बाढ़ से बचाव के लिए नदियों पर पुश्ता बने हुए है। पुश्ता से नदी के ओर का हिस्सा डूब क्षेत्र में आता है। यानी नदी के बाढ़ का पानी इन रास्तों से होकर जाता है।

हालांकि यह पुश्ता बने हुए सालों बीत गए। इस दौरान पुश्तों व नदी के बीच डूब क्षेत्र वह यमुना का हो या हिंडन का दोनों पर अवैध निर्माण की बाढ़ आ चुकी है। फार्म हाउसों से लेकर बड़े-बड़े स्टेडियम का निर्माण यहा हो चुका है। यह जमीन सिचाईं विभाग की है लेकिन इसकी देखरेख का काम प्राधिकरण के पास है। प्लानिंग यह है कि पुश्तों को नदियों की और शिफ्ट किया जाए। जिससे जमीन मिलेगी और उस जमीन को विकसित कर योजनाओं के लिए काम में लाया जाए। इससे प्रााधिकरण को राजस्व मिलेगी।

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डूब क्षेत्र में अतिक्रमण हटाना आसान नहीं

प्राधिकरण की दो योजनाएं है। पहली योजना रिवर फ्रंट कारिडोर। यमुना व हिंडन के किनारों को लखनऊ के गोमती नदी के किनारों की तर्ज पर विकसित किया जाए। 2०० एकड़ में रिवर फ्रंट कारिडोर विकसित किया जाना है। इसके लिए जरूरी है यहा फैले अतिक्रमण व अवैध निर्माण को हटाना। इसी तरह दूसरी योजना पुश्ता पुर्नस्थापन में भी अवैध निर्माण रोड़ा बना हुआ है।

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सिचाईं विभाग के लिए मिलकर तैयार होगी योजना

नोएडा प्राधिकरण सिचाईं विभाग के साथ मिलकर योजना बना रहा है। नियोजन विभाग को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। ताकि वह भी प्लानिंग शुरू कर दे।

दीपांकर जैन

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