असाध्य रोगों के लिए विधायक निधि से नहीं मिल रही मदद, दर-दर भटक रहे मरीज   

अपनी निधि से असाध्य मरीजों की मदद के मामले में सत्ता पक्ष के विधायकों ने हाथ खींच लिए। सपा के एमएलसी इस मामले में अव्वल रहे हैं। सदर विधायक का मदद करने के मामले में दूसरा और एमएलए में पहला नंबर है।;

Update:2020-03-19 21:15 IST

कन्नौज: सूबे की भाजपा सरकार के तीन साल पूरे हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कई योजनाएं व विकास कार्य कराए जाने के दावे भी किए जा रहे हैं, लेकिन अपनी निधि से असाध्य मरीजों की मदद के मामले में सत्ता पक्ष के विधायकों ने हाथ खींच लिए। सपा के एमएलसी इस मामले में अव्वल रहे हैं। सदर विधायक का मदद करने के मामले में दूसरा और एमएलए में पहला नंबर है। यह आंकड़ा कोई हवा हवाई नही बल्कि, निधि के मद का है।

निधि खर्च करने के लिए ढाई करोड़ रुपए मिलते हैं

दरअसल, कोई भी विधायक और विधान परिषद सदस्य को एक साल में निधि खर्च करने के लिए ढाई करोड़ रुपए मिलते हैं। नए वित्तीय वर्ष में अप्रैल से तीन करोड़ रुपए मिला करेगा। इस बजट को जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों में खर्च करना होता है। साथ ही मरीजों के इलाज में भी 25 लाख रुपए तक मदद की छूट होती है।

जनपद में तीन एमएलए हैं। सदर कन्नौज क्षेत्र से सपा विधायक अनिल दोहरे ने मरीजों की मदद के लिए करीब 20 लाख रुपए के प्रस्ताव दिए। कई मरीजों को लाभ भी मिल चुका तो कई ठीक होकर घर आ गए। भाजपा विधायक छिबरामऊ अर्चना पांडेय ने करीब 1.50 लाख रुपए के प्रस्ताव ही भेजे थे, जिसमें एक मरीज को तकरीबन एक लाख रुपए की सहायता इलाज के लिए मिली। भाजपा के ही विधायक तिर्वा कैलाश राजपूत ने भी सिर्फ एक ही मरीज की आर्थिक मदद अपनी निधि से करने का प्रस्ताव भेजा है, वह भी एक लाख का बताया जा रहा है।

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सपा के एमएलसी रहे अव्वल

असाध्य रोगियों की मदद करने के मामले में सपा के एमएलसी पुष्पराज जैन पंपी सबसे अव्वल हैं। उन्होंने निर्धारित 25 लाख रुपए का बजट दिसम्बर में ही खर्च कर दिया था। एक मरीज के लिए अधिकतम पांच लाख रुपए देने का नियम है।

निजी हित में निर्माण कार्यों पर रहता ध्यान

जनप्रतिनिधि अपनी निधि से अधिकतर बजट निर्माण कार्यों व सड़क आदि पर ही ज्यादा देते हैं। बताया गया है कि इससे उनको भी कुछ फायदा हो जाता है। उधर, एक स्कूल संचालक व जानकार बताते हैं कि 50 फीसदी भी वापस करना पडे़ तो भी वह तैयार रहते हैं क्योंकि उनके पास से क्या जा रहा, बल्कि मिल ही रहा है।

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अनिल दोहरे बोले, बजट बढ़ाए सरकार

सदर विधायक अनिल दोहरे ने बताया कि सरकार को बजट बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर देना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक मरीजों की मदद हो सके। कोई भी मरीज इलाज के अभाव में न मरे। अपनी निधि से अब तक वह करीब 20 लाख रुपए की मदद कर चुके हैं। इस महीने पूरा खर्च कर देंगे। उनके पास कोई भी पीड़ित आएगा, उसकी मदद होगी।

कैलाश राजपूत बोले, एक व्यक्ति ने कहा

तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत ने कहा कि इलाज के लिए उनके पास कोई नहीं आया है। सिर्फ भाजपा नेता वीर सिंह भदौरिया आए थे, उनके परिवार में एक व्यक्ति कैंसर से पीड़ित थे, जिनका निधन हो गया। इसके अलावा कोई नहीं आया। उन्होंने मुख्यमंत्री कोष से लोगों की मदद कराई है।

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अर्चना बोलीं, सीएम कोष से दिलाई सहायता

छिबरामऊ विधायक अर्चना पांडेय ने बताया कि एक मरीज के लिए करीब एक लाख रुपए की मदद कराई है। उन्होंने बताया कि मरीजों के इलाज के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री सहायता कोष से कई मरीजों को आर्थिक सहायता दिलाई है।

लखनऊ से आया कपड़ा, कैदी बना रहे मास्क

कन्नौज: जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर अनौगी में चल रही जिला जेल में बंदियों और कैदियों को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इंतजाम किए जा रहे है। कोरोना से बचाव के लिए बंदी भी आगे आ गए है। यहां पर बंदी मास्क तैयार कर रहे है। रोजाना 100 मास्क तैयार किए जा रहे है। मौजूदा समय में करीब आठ सौ से अधिक सजायाफ्ता बंदी यहां पर बंद है। साथ ही बंदियों व कैदियों को हाथ धोने के लिए साबुन भी मुहैया कराया दिया गया है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के जिला जेल पुख्ता इंतजाम

जिला जेल में भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है। जिला कारागार में बंदियों को जागरुक किया जा रहा है। साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए सभी को साबुन मुहैया करा दिया गया है। कोरोना से बचाव के लिए यहां पर सजा काट रहे बंदी भी आगे आए है।

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कोरोना से बचने के लिए जेल के अंदर ही मास्क तैयार किए जा रहे है। बंदियों ने 100 मास्क तैयार किए है, जिन्हे वहीं बंदियों को वितरित कर दिए गए। मास्क बनाने के लिए बंदियों को जेल प्रशासन सिलाई मशीन, कपड़ा व अन्य जरुरत का सामान मुहैया करा रहा है। यहां पर डबल लेयर वाला मास्क तैयार किया जा रहा है। जेल अधीक्षक विष्णुकांत मिश्रा ने बताया कि रोजाना सौ मास्क तैयार किए जा रहे है। साथ ही सभी लोगों को निर्देश दिए गए है कि मास्क का इस्तेमाल करें। जेल में जगह-जगह सैनिटाइजर व साबुन रखवा दिया गया है।

799 बंदी व कैदी जेल में है बंद

इन दिनों जिला जेल में 799 बंदी व कैदी सजा काट रहे है। जिसमें 758 पुरूष व 36 महिलाएं और पांच बच्चे हैं। साथ ही बंदियों से मिलने आने वाले लोगों के हाथ हैंड सैनिटाइजर से साफ करवाए जा रहे है। मिलाई के दौरान उन्हे जेल में बने मास्क ही पहनने को दिए जा रहे है।

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10 रुपए की लागत में तैयार हो रहा मास्क

जेल में बनाए जा रहे मास्क करीब 10 रुपए में तैयार हो रहा है। बंदी रोजाना करीब 100 मास्क तैयार कर रहे है। सभी बंदियों व कैदियों के लिए चार से पांच दिनों में मास्क तैयार कर लिए जाएंगे। मास्क बनाने का कपड़ा लखनऊ से मंगाया जा रहा है। जेल की जरुरत पूरी होने के बाद अगर स्वास्थ्य विभाग व सामाजिक संस्थाएं मास्क की मांग करती है तो उन्हें भी मुहैया कराया जाएगा।

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