UP में सिर्फ इतने रुपए में होगी कोरोना की जांच, सरकार ने फिक्स किया रेट

निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की एकल चरण की जांच के लिए अधिकतम धनराशि 2500 रुपए (दो हजार पांच सौ मात्र) निर्धारित की गई है।

Update:2020-06-18 22:02 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की एकल चरण की जांच के लिए अधिकतम धनराशि 2500 रुपए (दो हजार पांच सौ मात्र) निर्धारित की गई है। यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि निजी प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता ऑडिट के लिए मांगे जाने पर नमूनों को चिकित्सा महाविद्यालय की रेफरल प्रयोगशालाओं को उपलब्ध कराना होगा।परीक्षण के बाद आईसीएमआर के पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही सम्बंधित जिलेे के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्टेट सर्विलांस अधिकारी को रिपोर्ट उपलब्ध कराना होगा।

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प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने गुरुवार को बताया कि निजी प्रयोगशालाओं द्वारा कोविड जांच के लिए 2500 रुपए से अधिक धनराशि लिये जाने व अन्य प्राविधानों का अनुपालन न करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 तथा उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली-2020 के प्राविधानों का उल्लंघन माना जायेगा। उन्होंने बताया कि ऐसे रोगियों की कोविड-19 की जांच के लिए 2500 रुपए की व्यवस्था की गयी है, जो राज्य सरकार के विहित प्राधिकारी द्वारा निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं को भेजे जाएंगे।

अब तक कोरोना वायरस का टेस्ट 4,500 रुपये में हो रहा था

निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की एकल चरण (सिंगल स्टेप) जांच के लिए सरकारी या निजी चिकित्सालय द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को भेजे गए सैम्पल की दर 2000 रुपए तथा निजी प्रयोगशालाओं द्वारा स्वयं एकत्र किये गये सैम्पल की दर 2500 रुपए निर्धारित की गयी है। आईसीएमआर के निर्देशों के तहत अब तक कोरोना वायरस का टेस्ट 4,500 रुपये में हो रहा था।

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तेजी से किया जा रहा टेस्टिंग कार्य

अमित मोहन ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कल अब तक कि एक दिन में सर्वाधिक 16,546 सैम्पल की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 5,15,280 सैम्पल का टेस्ट किया जा चुका है। प्रदेश के 74 जनपदों में 5,659 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 9,638 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं।

रैण्डम चेकिंग कार्य निरन्तर किया जा रहा

उन्होंने बताया कि रैण्डम चेकिंग का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। 18 जनपदों में 4- 4 ऐसे गांव जहां 100 से अधिक कामगार व श्रमिक आये हैं को चुनते हुए कुल 72 गांवों में 1686 लोगों के सैम्पल की रैण्डम चेकिंग की गयी हैं जिनमें से कोई भी पाॅजिटिव नहीं पाया गया है। रैण्डम चेकिंग के तहत नारी निकेतन, बाल गृह, ओल्ड ऐज होम्स में रह रहे लोगों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि राजकीय बाल गृह, कानपुर एवं राजकीय ओल्ड ऐज होम, कानपुर में कुल 32 केस पाजिटिव मिले हैं।

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उन्होंने बताया कि ज्यादा आवागमन करने वाले लोगों तथा अरबन स्लम्स तथा हॉस्पिटल्स में फ्रन्ट लाईन्स वर्कस की रेण्डम चेकिंग की जा रही है। रेण्डम चेकिंग के तहत ऐसे लोगों का चुनाव किया जाता है जिनका लोगों से ज्यादा इन्टरैक्शन होता है। उन्होंने बताया कि अगले चरण में ड्राइवर्स, वेन्डर्स, फल-सब्जी विक्रता, सेल्समैन, डिलीवरी मैन तथा दवाई विक्रेताओं आदि की रेण्डम चेकिंग की जायेगी। रेण्डम चेकिंग के जरिए जहां लोगों में जागरूकता आ रही है वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कन्टेनमेंट की कार्यवाही भी की जा रही है।

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