हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लिया मरीजों का जायजा, डिप्टी CM भी पहुंचे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ऊंचाहार के एनटीपीसी थर्मल पावर प्लांट में बुधवार को हादसा हुआ। इस भीषण हादसे में हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थ नाथ सिंह गुरुवार (2 नवंबर) को सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरीजों का जायजा लिया।
वहीं डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने सिविल अस्पताल पहुंचकर एनटीपीसी घटना में घायल लोगो का हाल चाल लिया।इस हादसे में करीब 90 प्रतिशत जले। सिविल अस्पताल से दो गंभीर मरीजों शहनाज और चंद प्रकाश को एयरलिफ्ट की मदद से दिल्ली भेजा गया।
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NTPC के इंजीनियर का बयान
एनटीपीसी ऊंचाहार के ही एक इंजीनियर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया 500 मेघावाट की यूनिट सही तरीके से स्थापित भी नहीं हुई और ईडी बनने के चक्कर मे जीएम जबरदस्ती यूनिट को मैन्युअली चलवा रहा था। बॉयलर सेफ्टी प्रोटोकॉल फॉलो नही किए गए। उनका कहना है कि एनटीपीसी अधिकारियों ने अपने प्रमोशन के लालच में 3 साल के प्रोजेक्ट को 2.5 साल में आधी अधूरी तैयारियों के साथ यूनिट चालू करवा दी। ऐश पाइप चोक होने से बॉयलर फट गया, 200Kg का प्रेशर था और राख का तापमान 540 डिग्री था। हादसे से पहले भी कई छोटी मोटी कमियां थी लेकिन प्रशासन ने इनको नजरअंदाज किया और कल इतना भीषण हादसा हो गया जिसकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नही है।
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एनटीपीसी में भ्रष्टाचार
एनटीपीसी के अधिकारियों का दावा है कि प्लांट में 200 से 300 मजदूर काम कर रहे थे। इसके विपरित मजदूरों का कहना है कि प्लांट में 1200 से 1500 मजदूर काम कर रहे थे। यहां काम करवाने वाले ठेकेदार अधिकारियों की मिलीभगत से मजदूरों की मजदूरी का बंदरबाट होता था। एनटीपीसी में भ्रष्टाचार का आलम यह है घटना के परिसर के अस्पताल में जरूरी दवाइयों के साथ-साथ चादरों का अभाव था। स्थानीय लोगो ने एनटीपीसी अस्पताल को चादर और जरूरी चीजे मुहैया करवाई जिसके बाद राहत और बचाव काम में तेजी आई।