एक दवा से ठीक होगी तीन खतरनाक बिमारियां, इस डॉक्टर ने किया खोज
नैनो कैप्सूल ने चिकित्सा के क्षेत्र में काफी तेजी से पैर बढ़ाने शुरू कर दिये हैं। इसके चलते जहां मर्ज होगा, वहीं नैनो कैप्सूल मार करेगा। नैनो कैप्सूल को...
लखनऊ। नैनो कैप्सूल ने चिकित्सा के क्षेत्र में काफी तेजी से पैर बढ़ाने शुरू कर दिये हैं। इसके चलते जहां मर्ज होगा, वहीं नैनो कैप्सूल मार करेगा। नैनो कैप्सूल को अमेरिका के सेफ्टीफूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से भी मान्यता मिल चुकी है। नैनो कैप्सूल आने के बाद दूसरों उतकों और अंगों को कोई नुकसान नहीं होगा।
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किसी भी दवा की असंतुलित डोज भी नहीं खानी पड़ेगी। कानपुर आईआईटी से पोस्ट डाक्टरेट कर रही डॉ. अर्चना रायचूर की कोशिशों से यह संभव हो पाया है। कार्सीनोमा, टीवी और अलजाइमर जैसे रोगों में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। इस साल के अंत में इसे बाजार में उतारा दिया जायेगा।
इस दवा के साईडइफेक्ट भी होते हैं
अभी तक कैंसर में कीमोथैरेपी और टीवी तथा अलजाइमर में दवा की सीधी डोज दी जाती है। जिसके साईडइफेक्ट भी होते हैं। दवाओं की अधिक मात्रा से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और भी कई दुष्प्रभाव सामने आते हैं। दो साल की मेहनत के बाद डॉ. अर्चना रायचूर ने एक ऐसा ड्रग डिलीवरी सिस्टम विकसित किया है।
जिसके चलते दवा केवल प्रभावित ऊतक तक ही पहुंचेगी। डॉ अर्चना रायचूर ने यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यों, जापान से बायो नैनो साइंसेज में पीएचडी करने के उपरांत पोस्ट डाक्टरेट करने के लिए आईआईटी कानपुर को चुना। आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल विभाग के डॉ प्रणव जोशी ने कैप्सूल की डिजाइन, वर्किंग और मेटेरियल पर शोध किया है।
कैप्सूल की दवा को मर्ज के स्थान पर ले जायेगा
यह नैनो पार्टिकिल कैप्सूल की दवा को मर्ज के स्थान पर ले जायेगा। जिससे शरीर के अन्य मालीक्यूल या एंजाइम इससे प्रभावित नहीं होगा। यह कैप्सूल ऐसे बायोपॉलिमर से बना है जो शरीर के किसी हिस्से को नुकसान नहीं पहुंचाता। कार्सीनोमा कैंसर त्वचा, होठ, मुंह, फेफडे, गर्भाशय, ग्रिवा आदि में हो सकता है।
यह शल्फी इपिथेलियम का घातक ट्यूमर है। अलजाइमर भूलने की बीमारी है इसमें याददाशत कम होती है। आदमी असंमजस्य में रहता है। बोलने में दिक्कत आती। टीवी वैक्टीरिया से होने वाला संक्रामक रोग है।