वोट बैंक में सेंध के डर से समाजवादी पार्टी के करीब गए ओपी राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार दोपहर में समाजवादी पार्टी कार्यालय में सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। अखिलेश और राजभर की इस मुलाकात ने प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी को तेज कर दिया है।

Update:2019-08-23 22:18 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार दोपहर में समाजवादी पार्टी कार्यालय में सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। अखिलेश और राजभर की इस मुलाकात ने प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी को तेज कर दिया है। भाजपा तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार बयान देने वाले ओमप्रकाश राजभर को लोकसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद शुक्रवार को राजभर ने यह बड़ा कदम उठाया है।

उत्तर प्रदेश में 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव के बीच लंबी वार्ता के बाद कयास लगाया जा रहा है कि दोनों पार्टी उप चुनाव में गठबंधन कर सकती हैं। इनके बीच भेंट के दौरान काफी देर तक समाजवादी पार्टी कार्यालय में बड़ी हलचल रही।

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दरअसल, अनिल राजभर को प्रमोट कर योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने से भी ओमप्रकाश राजभर बेचैन हैं। यही वजह है कि राजभर ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद तुरंत सपा कार्यालय का रूख किया। ओपी राजभर ने सपा अध्यक्ष से आगे की रणनीति पर चर्चा की है, ताकि अपने राजभर वोट में सेंध लगने से रोका जा सके।

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योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से निकाले जाने के बाद ओपी राजभर बदला लेने के मूड में हैं लेकिन वह यह भी जानते है कि वह अकेले भाजपा से पार नहीं पा सकते है इसलिए उन्हे किसी बड़े दल से गठबंधन की तलाश थी। ओमप्रकाश राजभर प्रदेश की 13 सीटों पर होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव में दो सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे हैं। ओपी राजभर पूर्व में भी कह चुके हैं कि वो अम्बेडकरनगर की जलालपुर और बहराइच की बलहा सीट से प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। ऐसे में वो सपा के साथ गठबंधन कर उपचुनाव लड़ सकते हैं।

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बताते चले कि ओपी राजभर ने वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिल कर लड़ा था और उनकी पार्टी के चार विधायक जीते थे। इसके बाद ओमप्रकाश राजभर को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। मंत्री बनने के बाद भी ओपी राजभर के योगी सरकार के प्रति तेवर लगातार तीखे बने रहे।

इस तल्खी का असर यह रहा कि लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में लगी ओपी राजभर की पार्टी को भाजपा ने एक भी सीट नहीं दी थी। इसी के बाद से इनके बीच तनाव बढ़ा और फिर लोकसभा चुनाव के बाद ओमप्रकाश राजभर को योगी आदित्यनाथ सरकार से बर्खास्त कर दिया था।

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