महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने की राह दिखाती है 'तनाअक्षी'
लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित एक लाउन्ज में रविवार को 'तनाअक्षी' संस्था की ओर से फैशन एंड लाइफस्टाइल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।जिसमें यहां पर लगे स्टाल्स में हस्तशिल्प कलाकारी और फैशन की झलक देखने को मिली।
लखनऊ: लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित एक लाउन्ज में रविवार को 'तनाअक्षी' संस्था की ओर से फैशन एंड लाइफस्टाइल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।जिसमें यहां पर लगे स्टाल्स में हस्तशिल्प कलाकारी और फैशन की झलक देखने को मिली।इसमें वीरांगी ने जूट, शेल्स और ग्लास, रीतू एवं दिव्या ने पेपरजूट, स्टोन, मैक्रॉन, क्वेलिंग पेपर और लकड़ी का इस्तेमाल कर टोकरियाँ, चूड़ियां, गमला स्टैंड, वहीं ऋचा एवं शिल्पी ने खुद से बनाये हुए नमकपारे, गुझिया, मसाले काजू, मठरी व अचार का स्टाल लगाया।तो मोनिका ने कुंदन, कंटेम्पररी और विक्टोरियन डिज़ाइन की ज्वैलरी रिंग्स, इयररिंग्स, ब्रेसलेट्स, मनीषा थापर मोदी ने इको-फ्रेंडली पेंसिल, पेन और डायरी का स्टाल लगाया और नारी शक्ति बढ़ाने की बात कही।
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प्रदर्शनी में रेशमा शर्मा ने हैण्डलूम, कॉटन, लेनिन और चंदेरी से बने कपड़ों का, दिव्या गुलाल ने क्रीम, सोप, शैम्पू आदि स्किन संबंधित प्रोडक्ट्स और बेडशीट्स का स्टाल लगाकर प्रदर्शनी को सवांरा।डिज़ाइनर सिद्धि गुलाटी ने खुद से डिज़ाइन की हुई एथनिक, वेस्टर्न और इंडियन कपड़ों का स्टाल लगाया।
सिद्धि गुलाटी ने बताया कि आज भारत में महिलाओं की स्थिति बहुत सुधर रही है और मैं इस प्रदर्शनी के जरिये अपने उपभोक्ताओं को बढ़ाऊंगी और इससे मेरे हुनर को भी बढ़ावा मिलेगा।
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नारी जागृति के लिए काम करती है 'तनाअक्षी
इस मौके पर 'तनाअक्षी' संस्था की मालकिन मोना भंडारी ने बताया, ' यह संस्था नारी जागृति के लिए और उन महिलाओं के लिए काम करती है जो कुछ करना चाहती हैं, और यह करने की प्रेरणा मुझे मेरी माँ(वीना सेवक) से मिलती है। मोना भण्डारी ने पंद्रह साल शहर के लोरेटो कॉलेज में पढ़ाया है, और ये इस संस्था द्वारा कमाए गए पैसों को आर्य समाज मंदिर में दान कर देती हैं।
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यहाँ पर मौजूद 'तनाअक्षी' के सह-मालिक अर्जुन एम. ने इस संस्था को शुरू करने के बारे में बताते हुए कहा,'मुझे लगता है कि जितनी माँ लोग हैं, उनको कुछ ना कुछ काम करना चाहिए जिससे वह आत्मनिर्भर बन सके और अपनी ज़िंदगी में एक अलग मुकाम हासिल कर सकें, हम इस संस्था के जरिये उन महिलाओं की मदद करते हैं, जो अपनी ज़िंदगी में कुछ करना चाहती हैं या जिसके अंदर रचनात्मकता होती है।