मर रहे लोग: नहीं मिल रही ऑक्सीजन, 40 प्लांट फिर भी भारी किल्लत

ऑक्सीजन प्लांट से प्रतिदिन 36,600 आक्सीजन सिलेंडर निकल रहे हैं लेकिन सूबे में प्रतिदिन मरीज 25 हजार से अधिक मरीज आ रहे हैं।;

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-04-18 12:33 IST

ऑक्सीजन की किल्लत(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: कोविड की दूसरी लहर अपनी घातक मारक क्षमता से लोगों की सांसों पर ऐसा प्रहार कर रही है कि चंद घंटों में एक हंसता खेलता इंसान तड़प तड़प कर दम तोड़ दे रहा है। बेबसी ऐसी कि उसकी सांसों की डोर थामने के लिए आक्सीजन भी नहीं दी जा पा रही है। कितने लोगों ने घरों में, कितनों ने घर से अस्पताल के रास्ते में तो कई ने अस्पतालों में सांसों के लिए जूझते हुए प्राण त्याग दिये हैं। हालात ये हैं कि दूसरे राज्यों को आक्सीजन सप्लाई बंद करने के बाद भी यहां दस नए प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि मांग को पूरा किया जा सके।

जानकारों का कहना है कि ऑक्सीजन पर पहले कभी लोगों का ध्यान ही नहीं गया क्योंकि जितने मरीजों को इसकी जरूरत होती थी उससे कहीं अधिक उत्पादन था। कोविड का खतरा शुरू होने से पहले तक सूबे में 23 इकाइयां थीं और वह पर्याप्त थीं। कोरोना का कहर बढ़ने पर ऑक्सीजन की संभावित जरूरत को ध्यान में रखते हुए इसकी इकाइयों की संख्या बढ़ाकर लगभग दोगुनी यानी 40 कर दी गई।

ऑक्सीजन बड़ी आफत


ऑक्सीजन प्लांट से प्रतिदिन 36,600 आक्सीजन सिलेंडर निकल रहे हैं लेकिन सूबे में प्रतिदिन मरीज 25 हजार से अधिक मरीज आ रहे हैं और तमाम मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में जितनी ऑक्सीजन की डिमांड है उतना उत्पादन हो ही नहीं पा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन 60 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग है जो कि कुल उत्पादन से लगभग दो गुनी है।

लोगों का कहना है कि यह हाल तब है जबकि केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान सहित कई अस्पतालों में अपने सेंट्रलाइज ऑक्सीजन प्लांट हैं। ऑक्सीजन सप्लाई से जुड़े लोगों का कहना है कि हालात इस कदर बदतर हो चुके हैं कि दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन देने वाला उत्तर प्रदेश आज दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन लेने की तैयारी कर रहा है। उसमें भी तमाम दिक्कतें आ रही हैं।

Tags:    

Similar News