UP: पल्लवी पटेल ने भी रामचरितमानस को नकारा, स्वामी प्रसाद से पूछा- जब बीजेपी में थे तब क्यों नहीं किया विरोध

UP Politics: अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए रामचरितमानस की चौपाई हटाने की मांग की।

Written By :  aman
Update: 2023-02-06 10:40 GMT

Pallavi Patel (Social Media)

UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की नेता और विधायक पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने रामचरितमानस की चौपाई को हटाने की मांग के साथ-साथ सपा राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर भी निशाना साधा। पल्लवी ने एक तरफ जहां चौपाई पर आपत्ति को सही ठहराया, वहीं देर से बोलने पर ऐतराज भी जताया है।

पल्लवी पटेल ने एक खबरिया चैनल से बातचीत में कहा, कि मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाना गलत है। लेकिन, स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने उस वक्त इस पर सवाल क्यों नहीं उठाया, जब वह बीजेपी में थे। अगर, उन्हें इतना बुरा लगा था, तो नैतिकता के आधार पर पार्टी का साथ छोड़ देना चाहिए था। पल्लवी पटेल ने ये भी कहा कि, रामचरितमानस की चौपाई में लिखा है 'ताड़ना के अधिकारी'। 

'हिम्मत है तो कोई मेरी 'ताड़ना' करके दिखाए'

पल्लवी पटेल ने आगे कहा, 'मैं एक नारी हूं। हिम्मत है तो कोई मेरी 'ताड़ना' करके दिखा तो दे। उन्होंने कहा, ये सिर्फ मन में होता है। अगर आप में शक्ति है तो लिखी हुई बातें आप कभी भी गलत साबित कर सकते हैं। अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी ने कहा, वो स्वयं स्त्री हैं, मगर ताड़ना का अधिकार, हिम्मत कोई नहीं रखता है। वो कहती हैं कि दूसरे धर्म ग्रंथों की बात नहीं करती हैं।'

मायावती को भी दिया जवाब 

पल्लवी पटेल ने बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के ट्वीट पर जवाब भी दिया। बोलीं, कि 'वह जिस गेस्ट हाउस कांड (UP Guest House Kand) की बात कर रही हैं, वह अब पुरानी हो चुकी है। वह अबला नहीं हैं। बल्कि, देश की मजबूत राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने ये भी कहा कि, 'शूद्र' तो हम हैं ही, लेकिन शूद्र होने को कैसे लिया जाता है, यह मूल बात है।'

'मैं रामचरितमानस में विश्वास नहीं करती..वो अनुवादक थे'

पल्लवी पटेल ने कहा, मैं रामचरितमानस (Ramcharitmanas) में विश्वास नहीं करती। मैं बौद्ध धर्म की उपासक हूं। उन्होंने उल्टे मीडिया से सवाल किया रामचरितमानस है क्या? उसको एक अनुवादक ने लिखा है। वह कोई ऊपर से उतरकर नहीं आए। वह (तुलसीदास) भी एक इंसान थे। पल्लवी कहती हैं, अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटे और कुर्सी को गंगा जल से धोया गया, तब उस समय स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्यों नहीं विरोध किया?

...लोगों के दिमाग से हटाना चाहिए

पल्लवी पटेल ने ये भी कहा, कि 'रामायण के कई खंड हैं। कई लेखकों ने इसे लिखा। तुलसीदास ने सभी रामायण (Ramayana) के अंश लेकर अपने विचार को जोड़ते हुए रामचरितमानस लिखी है। वे एक अनुवादक हैं। पल्लवी पटेल ने आगे कहा, 'श्रीरामचरितमानस में से किसी पंक्ति को हटाना महत्वपूर्ण नहीं है। लोगों के दिमाग से हटाना चाहिए। रामचरितमानस में से 'शुद्र' शब्द को हटाना चाहिए। इसके लिए आंदोलन करना चाहिए। मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, वह आंदोलन करेंगी।'

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