संवेदनहीनता: KGMU में इलाज के लिए पति को पीठ पर लादकर भटकती रही पत्नी

प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के मरीज को भी केजीएमयू में इलाज के लिए भटकना पड़ा। सुल्तानपुर धनहुआ निवासी पन्ना लाल (42) को दो हफ्ते से सांस लेने में तकलीफ है। वहां के जिला अस्पताल में मरीज को खून की उल्टी होने लगी। शौच के साथ खून भी आने लगा। कमजोरी व खून की कमी से मरीज बेहाल हो गया। तब डॉक्टरों ने उसे केजीएमयू रेफर कर दिया। गंभीर हालत में परिजन उसे लेकर सोमवार को ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। पन्ना की पत्नी ने बताया कि यहां अस्पताल परिसर में उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला, कर्मचारियों से जब पूछा कि किस डॉक्टर को दिखाएं , तो वह इधर उधर भटकाते रहे , लेकिन कोई सही जानकारी नहीं दी।

Update:2018-12-27 16:49 IST

लखनऊ: केजीएमयू में एक बार फिर मरीज़ों के साथ असंवेदनशीलता का मामला सामने आया है। यहाँ अक्सर मरीज़ों के साथ लापरवाही की जाती है। कई बार स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदारों को मरीजों अपनी पीठ पर लादकर जाना पड़ता है। बुधवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। सुल्तानपुर से इलाज करवाने आए पन्ना लाल को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए केजीएमयू लाया गया , लेकिन उन्हें कोई भी स्ट्रेचर या व्हीलचेयर न मिलने के कारण उनकी पत्नी मीरा को अपने पति को पीठ पर लादकर अंदर ले जाना पड़ा।

ये भी पढ़ें— नए साल में नया लोगो अपनाएगा कर्मचारी चयन आयोग

इसके बाद भी कर्मचारियों ने उन्हें सही जानकारी नहीं दी, जिस कारण वह दिन भर अपने पति को पीठ पर लादकर इधर उधर भटकती रही ।मरीज़ों को स्ट्रेचर या व्हीलचेयर ना मिलना कोई नई बात नहीं है। यहां मरीजों को जांच के नाम पर एक जगह से दूसरी जगह दौड़ाया जा रहा है। मजबूरन तीमारदार अपने मरीजों को जैसे-तेसे कर खुद ही लादकर भटकते हैं। बुधवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। एक महिला अपने पति को पीठ पर लादकर ट्रामा से लेकर ओपीडी तक धक्के खा रही थी। अंत में हुआ यह कि बिना इलाज वह वापस लौट गई।

यह था मामला

प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के मरीज को भी केजीएमयू में इलाज के लिए भटकना पड़ा। सुल्तानपुर धनहुआ निवासी पन्ना लाल (42) को दो हफ्ते से सांस लेने में तकलीफ है। वहां के जिला अस्पताल में मरीज को खून की उल्टी होने लगी। शौच के साथ खून भी आने लगा। कमजोरी व खून की कमी से मरीज बेहाल हो गया। तब डॉक्टरों ने उसे केजीएमयू रेफर कर दिया। गंभीर हालत में परिजन उसे लेकर सोमवार को ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। पन्ना की पत्नी ने बताया कि यहां अस्पताल परिसर में उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला, कर्मचारियों से जब पूछा कि किस डॉक्टर को दिखाएं , तो वह इधर उधर भटकाते रहे , लेकिन कोई सही जानकारी नहीं दी।

भर्ती करने से किया इंकार, रैन बसेरे में गुज़ारी रात

सोमवार को करीब 12 बजे पत्नी मीरा अपने पति पन्ना लाल को लेकर कैजुअल्टी में पहुंची। मरीज की गंभीर हालत जानने के बावजूद डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती नहीं किया। इस पर मरीज की हालत बिगड़ती गई। आनन-फानन में डॉक्टरों ने केवल जांचों के लिए कहा। इलाज तब भी नहीं शुरू किया। किसी तरह परिजनों ने एक्सरे, सीटी स्कैन समेत दूसरी जांचें कराईं। रिपोर्ट देखने के बाद मरीज को ओपीडी में दिखाने की सलाह दी गई। परिजन मरीज की हालत का हवाला देकर भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे लेकिन डॉक्टर नहीं पसीजे। मरीज़ की पत्नी उसे लेकर रात भर रेन बसेरे में पड़ी रही।

ये भी पढ़ें— 5 साल में नवोदय विद्यालय के 49 छात्रों ने की आत्महत्या, आधे दलित और आदिवासी

परिजनों के मुताबिक रात में मरीज की हालत और बिगड़ गई और खून की उल्टियां हुईं। उल्टी के बाद मरीज बेहोश हो गया। पत्नी ने डॉक्टरों को पति की हालत बिगडऩे का हवाला दिया पर, तब भी डॉक्टर नहीं पसीजे। मरीज को ओपीडी में दिखाने की सलाह दी। ओपीडी में परिवारीजन मरीज को लेकर भटकते रहे। पीआरओ तक ने मरीज को सही डॉक्टर के पास नहीं भेजा। नतीजतन मंगलवार को भी इलाज नहीं मिला। परिवारीजन फिर से ट्रॉमा के बाहर इंतजार करते रहे।

मजबूरन गांव लौटना पड़ रहा

बुधवार सुबह मरीज की हालत और बिगड़ गई। वह चलने-फिरने में लाचार हो गया। पत्नी फिर स्ट्रेचर मांगने पहुंची। लेकिन कर्मचारियों ने स्ट्रेचर देने से मना कर दिया। नतीजतन पत्नी मीरा अपने पति पन्ना लाल को पीठ पर लादकर आधा किलोमीटर दूर ओपीडी में गईं। यहां कर्मचारियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। कर्मचारियों के बर्ताव से पत्नी मीरा रोने लगीं। रोते-बिलखते रिश्तेदार बृजलाल ने बताया कि वह लोग आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं हैं ,इस लिए सरकारी अस्पताल आए थे कि कम खर्च में इलाज हो सके। प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की स्थिति नहीं है। अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता के कारन उन्हें मजबूरन गांव लौटना पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें— केजीएमयू नये साल में मरीज़ों को देगा सौगात, मिलेगी ये सुविधा

इस मामले पर जब केजीएमयू के पीआरओ संतोष कुमार सिंह से बात की गयी तो उन्होंने मामले की जानकारी न होने का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि उनके पास किसी तरह की शिकायत नहीं आई है । अगर ऐसा हुआ है तो ज़िम्मेदारों के प्रति कार्यवाही की जाएगी\

Tags:    

Similar News