देश वापस आने वाले लोगों के क्वारंटाइन की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाए:सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राजस्व वृद्धि के लिए भारत सरकार की एडवायजरी के अनुरूप उद्योग-धन्धों को पूरे सुरक्षा प्रोटोकाॅल के साथ संचालित कराया जाए।

Update:2020-05-05 17:07 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राजस्व वृद्धि के लिए भारत सरकार की एडवायजरी के अनुरूप उद्योग-धन्धों को पूरे सुरक्षा प्रोटोकाॅल के साथ संचालित कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि औद्योगिक गतिविधियांे में सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन हो।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅक डाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्योग-धन्धों को गति प्रदान करने के लिए आवश्यकतानुसार नीतियों में संशोधन पर विचार किया जाए। सिंगिल विंडो प्रणाली को मजबूती से लागू किया जाए। लेबर रिफाॅर्म के लिए श्रम विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार की जाए।

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जनसुनवाई पोर्टल पर पंजीकरण प्रारम्भ

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों से वापस न लौट पा रहे उत्तर प्रदेशवासियों के आगमन तथा यहां निवासित अन्य राज्य के लोगों के प्रस्थान को सुगम बनाने के उद्देश्य से जनसुनवाई पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराना एक सराहनीय प्रयास है। जनसुनवाई पोर्टल पर ऐसे लोगों ने पंजीकरण प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में विभिन्न देशों में फंसे भारत वासियों का आगमन होना है। इसलिए उत्तर प्रदेश में वायुमार्ग से देश वापस आने वाले लोगों को क्वारंटीन करने की सुचारू व्यवस्था पहले से ही कर ली जाए। लखनऊ तथा वाराणसी हवाई अड्डों के साथ-साथ हिण्डन एयरपोर्ट पर मेडिकल स्क्रीनिंग के प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाए।

मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण कार्य में तेजी लायी जाए। राज्य कोरोना सहायता काॅल सेन्टर के टोल फ्री नम्बर 1800-180-5145 पर अन्य रोगों के लिए भी उपलब्ध चिकित्सीय परामर्श सेवा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

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नई टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाये: सीएम योगी

चिकित्सालयों में बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि मेडिकल संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नई टेस्टिंग लैब की स्थापना के साथ ही, वहां पर बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने पुलिस बल व मेडिकल टीम को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए सभी सुरक्षा उपाय अपनाने पर बल दिया। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी की दर 33 प्रतिशत है। यह संख्या रिकवरी की राष्ट्रीय औसत 27 प्रतिशत से 6 प्रतिशत अधिक है।

लाॅकडाउन का सख्ती से हो पालन: सीएम योगी

आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, डोर स्टेप डिलीवरी तथा सप्लाई चेन की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅक डाउन के दौरान यह व्यवस्था सुचारू रूप से कार्य कर रही है। इसे आगे भी इसी तरह बेहतर ढंग से संचालित किया जाए, ताकि लोगों को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराने को कहा हे।

मुख्यमंत्री ने पर्याप्त संख्या में क्वारंटीन सेन्टर की स्थापना के लिए कहा कि क्वारंटीन सेन्टर एवं शेल्टर होम में साफ-सफाई के अच्छे प्रबन्ध किए जाए। कम्युनिटी किचन के माध्यम से लोगों को गुणवत्तायुक्त भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाए।

जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि क्वारंटीन सेन्टर एवं शेल्टर होम व कम्युनिटी किचन के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी जिलाधिकारी को व्यवस्थाओं की नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सभी जिलाधिकारी अपनी रिपोर्ट के द्वारा क्वारंटीन सेन्टर एवं शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन की अद्यतन स्थिति से शासन को अवगत कराते रहें।

समय सारणी बनाते हुए कार्य संचालित किया जाए: सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डियों में समय सारणी बनाते हुए कार्य संचालित किया जाए, जिससे वहां भीड़ एकत्र न हो। मण्डियों में सोशल डिस्टेंसिंग का प्रत्येक दशा में पालन कराया जाए। साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि लोग मास्क अथवा फेस कवर पहनकर ही आएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों कोे आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए इन्हें दुग्ध समितियों से जोड़ा जाए। दुधारु पशुओं के खुरपका व मुंहपका टीकाकरण के लिए कार्ययोजना बनायी जाए। शहरी क्षेत्रों की झोपड़ पट्टियों व मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना तथा अफोर्डेबिल हाउसिंग स्कीम के माध्यम से आवास उपलब्ध कराए जाएं।

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