डूबने को है पूरा गांव, प्रशासन ने साधी चुप्पी, अनशन पर लोग
यूपी के शाहजहांपुर में गंगा नदी काफी तेजी से कटान कर रही है। एक दिन मे गंगा नदी ने 40 मीटर कटान करके आसपास के गांव में रहने वाले ग्रामिणों के दिलो मे दहशत फैला दी है।;
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में गंगा नदी काफी तेजी से कटान कर रही है। एक दिन मे गंगा नदी ने 40 मीटर कटान करके आसपास के गांव में रहने वाले ग्रामिणों के दिलो मे दहशत फैला दी है। चालिस मीटर कटान करने के बाद अब गांव नदी से मात्र दस मीटर की दूरी पर रह गया है। उधर प्रशासन पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है।
अनशन पर बैठे ग्रामीण
- जब कोई अधिकारी मौके पर नही पहुंचा तो ग्रामिण गंगा नदी से दस मीटर की दूरी पर ही अनशन पर बैठ गए।
- अनशन की खबर जब एसडीएम तक पहुंची तो उनहोंने ग्रामिणों से बात की।
- कुछ देर बाद डीएम भी मौके पर पहुँच गए और ग्रामिणों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
अगर दस मीटर गंगा नदी ने और कटान कर लिया तो तीन गांव पूरी तरह से नदी मे समा जाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
- तहसीलदार जलालाबाद के परौर गांव के पास से गंगा नदी गुजरती है।
- इस नदी के आसपास परौर गांव के अलावा मोहनपुर और मोहनगंज गांव बसे हुए हैं।
- परौर गांव की आबादी करीब पांच हजार है। ग्रामिणों मे जिला प्रशासन को लेकर बेहद नाराजगी है। - क्योंकि अगर जिला प्रशासन ने समय रहते कोई पुख्ता इंतजाम नही किए तो ये तीन गांव पूरी तरह से नदी मे समा जाएंगे।
- ग्रामिणों के मुताबिक एक दिन मे गंगा नदी ने चालिस मीटर कटान किया है।
- उनका गांव अब गंगा नदी से मात्र दस मीटर की दूरी पर रहे गया है।
- ऐसे मे अगर इसी तरह से नदी ने कटान किया तो कुछ ही घंटों मे गांव नदी मे समा जाएंगे।
कई बार दी गई सूचना
- कई बार ग्रामिणों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी लेकिन यहां कोई भी अधिकारी नही पहुंचा।
- ऐसे मे जब एक दिन मे नदी चालिस मीटर कटान कर सकती है तो कुछ ही घंटे मे दस मीटर और कटान हो जाएगा।
- मामले को देखते हुए सभी गांववाले गंगा नदी से दस मीटर की दूरी पर अनशन पर बैठ गए है।
- उनका कहना है कि यहां जिला प्रशासन उनकी अनदेखी कर रहा है तो उधर नदी विकराल रूप ले रही है। इसलिए अब दस मीटर की कटान के साथ साथ वह भी नदी मे बहे जाएंगे।
एसडीएम सत्यप्रिये सिंह ने newstrack.com से बात करते हुए बताया कि परौर गांव के पास एक तालाब बना हुआ है। जो नदी से महज चालिस से पचास मीटर की दूरी पर रह गया है। अगर कटान इतनी ही तेजी से होता रहा तो पानी तालाब में भर जाएगा जो बेहद खतरनाक है। नदी का पानी उस तालाब तक न पहुंचे तो उसके लिए ईट भट्टे के मालिकों से बात कर मलबा मंगवाया जा रहा है।