Pilibhit: बाबा जयगुरुदेव के भक्तों ने निकाली जीव जागरण धर्म यात्रा,...'आप लोग शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्त हो जाएं'
Pilibhit News: बसंत पंचमी की यात्रा मंडी समिति से नौगांव चौराहा, डिग्री कॉलेज चौराहा, छतरी चौराहा, टनकपुर रोड होते हुए गौहनिया चौराहा, गांधी स्टेडियम, थाना सुनगढ़ी, नई बस्ती चौराहा, जीजीआईसी रोड, उपाधि महाविद्यालय, रामलीला रेलवे क्रॉसिंग होते हुए मंडी समिति स्थल पर समाप्त हुई।
Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत जिले में बाबा जयगुरुदेव धर्म विकास संस्था, उज्जैन के तत्वावधान में बाबा उमाकांत जी महाराज के आदेश पर बाबा जय गुरुदेव के अनुयायियों ने बुधवार (14 फ़रवरी) को जीव जागरण धर्म यात्रा निकालकर लोगों को शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्त रहने का संदेश दिया। बाबा के भक्तों ने आमजन मानस से अपील करते हुए कहा कि, 'आप लोग शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्त हो जाएं'।
शाकाहारी बनने और नशा मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत बाबा जय गुरुदेव संगत की ओर से आज शहर में जीव जागरण धर्म यात्रा निकली गई। यह यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई मंडी समिति स्थल पहुंची। यहां सत्संग कार्यक्रम और विशाल भंडारा आयोजित किया गया।
इन रास्तों से गुजरी यात्रा
बाबा जयगुरुदेव संगत उज्जैन के संत बाबा उमाकांत महाराज के निर्देश पर निकाली जा रही जीव जागरण धर्म यात्रा मंगलवार रात बदायूं, बरेली के रास्ते पीलीभीत मंडी स्थल पहुंची। बसंत पंचमी की सुबह यह यात्रा शहर में निकाली गई। यात्रा मंडी समिति से नौगांव चौराहा, डिग्री कॉलेज चौराहा, छतरी चौराहा, टनकपुर रोड होते हुए गौहनिया चौराहा, गांधी स्टेडियम, थाना सुनगढ़ी, नई बस्ती चौराहा, जीजीआईसी रोड, उपाधि महाविद्यालय, रामलीला रेलवे क्रॉसिंग होते हुए मंडी समिति स्थल पर समाप्त हुई।
संत बाबा उमाकांत महाराज का संदेश सुनाया
मंडी समिति स्थल पर जीव जागरण धर्म यात्रा में आए प्रांतीय सेवादार मंगूलाल ने संत बाबा उमाकांत महाराज का संदेश सुनाया। उन्होंने कहा कि, 'संस्था का नारा है हाथ जोड़कर विनय हमारी तजो नशा बनो शाकाहारी'। इसी अभियान के तहत यह जीव जागरण धर्म यात्रा विभिन्न शहरों में निकाली जा रही है। कहा कि, पहले के समय में लोग अपना लोक परलोक बनाने और घर परिवार में संत महात्माओं की दया आशीर्वाद लेने के लिए महीना पन्द्रह दिन या पूनम अमावस्या, तीज त्योहार पर उनके आश्रमों पर जाया करते थे। आम लोगों से लेकर सेठ साहूकार और राजा महाराजा तक सभी संतो के बताए रास्ते पर चलते थे।
इसीलिए सभी स्वस्थ और खुशहाल थे। सभी के घरों काम धंधे में बरकत थी। आज की तरह से खींचतान नहीं थी। धीरे-धीरे लोगों का संतों के यहां आना-जाना कम हुआ तो उनके खान-पान और कर्मों में गिरावट आने लगी। जिससे उनके जीवन में चारों तरफ बीमारी परेशानियां बढ़ने लगीं। आगे कहा, भारत के साथ ही विश्व के अन्य देश में बाबा जी ने जाकर लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए उन्हें अनमोल नामदान दिया है। जिससे लोग अपनी जीवात्मा का उद्धार करने के लिए ध्यान भजन करें और दिव्य लोकों की यात्रा इसी मनुष्य शरीर में रहकर करें।
लखीमपुर के लिए रवाना हुई यात्रा
सत्संग समाप्ति के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालु और सत्संगियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में संगत के जिला अध्यक्ष लाला श्रीकृष्ण, फूलचंद, डॉ प्यारेलाल, विशाल सिंह, बदायूं के सुधीर सिंह, गगनदीप, सतपाल प्रजापति, बरेली से विशाल रस्तोगी, अमर सिंह, शाहजहांपुर के गौरी शंकर, श्याम सिंह, मदनपाल शर्मा, लखीमपुर खीरी के अमृतलाल, बसंतलाल राठौर ने समस्त कार्यक्रम की व्यवस्था में सहयोग किया। कार्यक्रम समापन के बाद जीव जागरण धर्म यात्रा पूरनपुर, बंडा, खुटार होते हुए लखीमपुर को रवाना हो गई।