Maha Shivratri 2024: पीलीभीत में शिव बारात को लेकर भव्य तैयारियां शुरू
Maha Shivratri 2024: महाशिवरात्रि पर्व को लेकर यूपी के पीलीभीत में लगभग 500 साल प्राचीन शिव गौरा के रूप में विराजमान गौरी शंकर की बारात के स्वागत को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।
Pilibhit News: महाशिवरात्रि पर्व को लेकर यूपी के पीलीभीत में लगभग 500 साल प्राचीन शिव गौरा के रूप में विराजमान गौरी शंकर बाबा की बारात के स्वागत को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। हल्दी महोत्सव के बाद 07 मार्च को मेहंदी की रस्म पूरी की जाएगी। उसके बाद 08 मार्च को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बाबा गौरीशंकर को सजाकर दूल्हा बनाया जाएगा। रूद्राभिषेक के साथ उनके विवाह उत्सव में बारात स्वागत के लिए अन्य जनपदों से भी लोग यहां पहुंच कर बाबा के विवाह उत्सव में शामिल होंगे। विवाह समारोह में शामिल हजारों की संख्या में आए भक्त यहां पर बाबा की अदालत में अपनी पेशी कर मन्नत मांगते हुए बाबा का आशीर्वाद लेकर अपने अपने घर रवाना हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि पर निकलती है भगवान शंकर की बारात
दरअसल पीलीभीत में सैकड़ो वर्ष प्राचीन लाखों भक्तों की आस्था से जुड़ा बाबा गौरी शंकर का मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर विशेष महत्व माना जाता है। 18वीं शताब्दी में बंजारों से जंग जीत कर शहर के सरदार रोहिला सिंह ने इस मंदिर को भक्तों की आस्था से जोड़ते हुए निर्माण कराया। उसके बाद विशाल द्वारा का सरदार रोहेला ने निर्माण करते हुए सामाजिक सहायता को विशेष पहचान दी। इस प्राचीन मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा गौरी शंकर भोलेनाथ की बारात में हजारों श्रद्धालु भूत प्रेत सहित तमाम रूप धरकर बारात में शामिल होते हैं, और भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं। हल्दी, मेहंदी की रस्म के बाद दूल्हा रूप में सजे भगवान भोलेनाथ की अदालत में सभी झांकी स्वरूप भक्त पहुंचकर अपना आशीर्वाद देते हुए उनकी अदालत में अपनी अर्जी पेश करते हैं। ऐसी मान्यता है की बारात में शामिल होने आए भक्तों की बाबा की अदालत में पेशी लगाते ही उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके बाद यहां श्रद्धालु जलाभिषेक के साथ रुद्राभिषेक कर बाबा भोलेनाथ का स्वागत कर उनका श्रृंगार करते हैं।
सदियों से चली आ रही परंपरा
श्रद्धालुओं ने बताया कि सैकड़ो वर्षों से कई पीढियों से चली आ रही बाबा भोलेनाथ की बारात में कई भक्तगण शामिल होने के लिए पहले से ही आतुर होते हैं। कई महीनों से तैयारी भी करना शुरू कर देते हैं। जिसमें श्रद्धालुओं का भूत प्रेत सहित तमाम जीव जंतु बनकर भोलेनाथ के भजनों को गाते हुए गौरी शंकर बाबा का नाम लेकर उनके विवाह समारोह में शामिल होते हैं। बाबा की सेवा श्रृंगार देकर उनसे आशीर्वाद स्वरुप अपनी अर्जियां भक्तगण लगाकर उनकी सेवा करते हैं। यह परंपरा कई सैकड़ो वर्षों से चली आ रही है। इसको लेकर अन्य जनपदों से भी श्रद्धालुओं की आस्था जुडी हुई है।