पिंक टॉयलेट में होगा चेंजिंग रूम और फीडिंग रूम: मेयर
अब वो दिन दूर नहीं जब आपको राजधानी में जगह जगह वीमेन फ्रेंडली पिंक टायलेट देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं इन टायलेट से अटैच एक स्पेशल रूम भी बनाए जाएंगे। इसमें चेंजिंग रूम के साथ साथ महिलाएं अपने दुधमुंहे बच्चों को फीडिंग भी करा सकेंगी।
लखनऊ: अब वो दिन दूर नहीं जब आपको राजधानी में जगह जगह वीमेन फ्रेंडली पिंक टायलेट देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं इन टायलेट से अटैच एक स्पेशल रूम भी बनाए जाएंगे। इसमें चेंजिंग रूम के साथ साथ महिलाएं अपने दुधमुंहे बच्चों को फीडिंग भी करा सकेंगी। ये दावा लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने महिला मुद्दो पर काम करने वाली संस्था ‘ब्रेकथ्रू’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में किया।
जनसहभागिता से सफल होगा स्व्च्छता आंदोलन
मेयर संयुक्ता भाटिया ने 7 जिलों से आई करीब 400 से अधिक महिलाओं और किशोरियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनसहभागिता से ही हम अपनी बेटियों को स्कूलों में स्वच्छ और साफ शौचालय दे सकते हैं। ये उन्हें शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करेगा। हमें खुशी है कि ब्रेकथ्रू ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया और इतनी बड़ी संख्या में समुदाय की किशोरियों और महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ा,बहुत जल्दी लखनऊ में खास तौर से महिलाओं के लिए आपको पिंक टॉयलट देखने को मिलेगें,हमने इस दिशा में एक सुझाव भी दिया है कि इन टॉयलट में अलग से बच्चों को दूध पिलाने के लिए एक फीडिंग रूम और चेजिंग रूम भी बनाया जाए। इस सुझाव पर भी अमल होना है।
ब्रेकथ्रू ने छेड़ी मुहिम
महिला एंव बाल कल्याण की निदेशक अलका टंडन ने कहा कि ब्रेकथ्रू द्वारा पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में स्वच्छ और साफ शौचालय पर शुरू की गई मुहिम‘खोल दो ताले’- नही रहेगी शिक्षा से दूरी,स्वच्छ साफ शौचालय जरूरी’ एक बेहतरीन पहल है।
ब्रेकथ्रू के सीनियर डायरेक्टर-इंप्लीमेंटेशन जोशी जोश ने कार्यक्रम की शुरूआत ब्रेकथ्रू के परिचय की साथ की। उन्होंने बताया कि ब्रेकथ्रू लगभग 18 वर्षों से मानवाधिकार और महिला मुद्दों पर काम कर रहा है।वर्तमान में हम महिलाओं से संबधित विभिन्न मुद्दों पर पांच राज्यों में काम कर रहे हैं।उन्होंन खोल दो ताले अभियान में समुदाय की सहभागिता को विशेष रूप से सराहते हुए कहा कि आप लोगों के सहयोग से ही परिवर्तन आएगा,इस मुहिम को अपना समर्थन देते रहें।
असर 2016 के आंकड़ों के मुताबिक 15-16 आयुवर्ग की लगभग 25 फीसदी लड़कियों के स्कूल छोड़ने का एक प्रमुख कारण स्कूलों में शौचालय का न होना या उनका सक्रिय न होना है। इस अभियान के अन्तर्गत सिद्धार्थनगर, ग़ाजीपुर और जौनपुर के चुने हुए (प्रत्येक जिले से 10 ) पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में समुदाय की महिलाओं और लड़कियों ने जाकर वहां की शौचालय की स्थिति का अवलोकन किया और उसके लिए सामुदायिक स्तरीय अभियान (हाइपर लोकल कैंपेन) ‘खोल दो ताले’- नही रहेगी शिक्षा से दूरी,स्वच्छ साफ शौचालय जरूरी’ चलाया है। जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि चेंज डॉट ओआरजी के सहयोग से चलाई गई ऑन लाइन पीटीशन को भी लोगों का भरपूर समर्थन मिला है और हमारी इस मुहिम का अभी तक सवा लाख से अधिक लोगों ने मिल कॉल देकर अपना समर्थन जताया है।
ओपेन माइक सेशन में भी कई बुद्धिजीवियों ने कविता के जरिये मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए समझाया कि स्कूलों में शौचालय क्यों जरूरी है